जब कोई बात बिगड़ जाये, जब कोई मुश्किल पड जाये
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज
ना कोई हैं, ना कोई था, जिन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज
हो चांदनी जब तक रात, देता हैं हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरो में ना छोड़ना मेरा हाथ
जब कोई बात बिगड़ जाये
वफादारी की वो रस्मे, निभायेंगे हम तुम कस्मे
एक भी सांस जिन्दगी की, जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाये
दिल को मेरे हुआ यकीन, हम पहले भी मिले कही
सिलसिला ये सदियों का, कोई आज की बात नहीं
जब कोई बात बिगड़ जाये.
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज
ना कोई हैं, ना कोई था, जिन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ हमनवाज
हो चांदनी जब तक रात, देता हैं हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरो में ना छोड़ना मेरा हाथ
जब कोई बात बिगड़ जाये
वफादारी की वो रस्मे, निभायेंगे हम तुम कस्मे
एक भी सांस जिन्दगी की, जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाये
दिल को मेरे हुआ यकीन, हम पहले भी मिले कही
सिलसिला ये सदियों का, कोई आज की बात नहीं
जब कोई बात बिगड़ जाये.