Woah bhoot fookte hai razaai meअर्ज़ किया है मत ढूँढो मुझे दुनिया की तन्हाई में,
मैं खुद ढूँढ रहा हूँ, हवा किधर से आ रही है रज़ाई में?
yesi batan karo mujhe dar lagtaWoah bhoot fookte hai razaai me
Ye to sabse bda dukh hai jeevan kaअर्ज़ किया है मत ढूँढो मुझे दुनिया की तन्हाई में,
मैं खुद ढूँढ रहा हूँ, हवा किधर से आ रही है रज़ाई में?
क्यों किसी की याद में रोया जाए, क्यों किसी की याद में खोया जाए...अर्ज़ किया है मत ढूँढो मुझे दुनिया की तन्हाई में,
मैं खुद ढूँढ रहा हूँ, हवा किधर से आ रही है रज़ाई में?
sahi kahaक्यों किसी की याद में रोया जाए, क्यों किसी की याद में खोया जाए...
मेरा तो यही कहना है दोस्तों, ठंड बहुत है आजकल...
क्यों ना रजाई ओढ़कर सोया जाए
ye dukh khatm q nahi hotaYe to sabse bda dukh hai jeevan ka