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MUJE TOH AAJ BHI......

Somaiya Karn

Quodophile of ZoZo
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मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...rainbow-sunset-girl-alone-96sjcb746gl5y34b.jpg
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
Nice ji.. bas thoda bhari bharkam tha... bahot words bouncer gayi.....
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
So beautiful ji
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
Bas kar chhori ab rulayegi kya:timid: tera ye gam ab dekha na ja raha. Chal tujhe burger khilane le chalu:tso:
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
Nice :Listening:
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
Wahh deep line
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
deep thought ❤❤️
 
मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजारी हमने वो कहानी सुनाता है तू तो खुश है किसी ओर के साथ जिंदगी में अपनी मुझे तो आज भी रह रह कर तेरा हिज्र रुलाता है पतझड़ के पत्तों की तरह टूट चुकी हूं जिंदगी की शाख से मुझे अब कोई भी मौसम बहार का नही भाता है भुलाऊं भी तो मैं तुम्हे भुलाऊं कैसे जो परिंदा लेकर आता था पैगाम तेरा वो मेरी छत पर अब दाना चुगने आता है बड़ जाती है तब धड़कन दिल की, भागती हूं बाहर की तरफ जब कोई भी डाकिया मोहल्ले में आवाज लगाता है मैं खड़ी इंतजार ही करती रह जाती हूं वो सबका नाम पढ़ कर बुलाता है पर मुझे नहीं भुलाता है मेरी आंखों का एक एक आसूं मेरी तन्हाई बताता है तेरे बिना जो गुजरी हमने वो कहानी सुनाता है...View attachment 156865
cutie
 
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