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meri nazar se aurat..

Yug Purush

Epic Legend
Senior's
Chat Pro User
औरत से प्रेम में अगर आप ये उम्मीद करते हैं कि वो आपसे पूरी तरह खुश है तो आप नादानी में हैं...
ये औरत के मूल में ही नहीं है...

अगर आप बहुत ज्यादा केयर करते है तो उससे भी ऊब जाएगी...
अगर आप बहुत उग्र हैं तो वो उससे भी बिदक जाएगी...
अगर आप बहुत ज्यादा विनम्र हैं तो वो उससे भी चिढ जाएगी...

अगर आप उससे बहुत ज्यादा बात करते हैं तो वो आपको टेक इट फौर ग्रांटड लेने लगेगी ...
अगर आप उससे बहुत कम बात करते हैं तो वो मान लेगी कि आपका चक्कर कहीं और चल रहा है...

यानी आप कुछ भी कर लीजिए वो संतुष्ट नहीं हो सकती...

ये उसका स्वभाव है...

वो एक ऐसा डेडली काॅम्बीनेशन खोजती है जो बना ही न हो, बन ही न सकता हो...

ठीक वैसे ही जैसे कपड़ा खरीदने जाती है तो कहती कि इसी कलर में कोई दूसरा डिजाइन दिखाओ, इसी डिजाइन में कोई दूसरा कलर दिखाओ...

कपड़े का गट्ठर लगा देती है...
बहुत परिश्रम के बाद एक पसंद आ भी गया, तो भी संतुष्ट नहीं हो सकती...
आखिरी तक सोचती है कि इसमे ये डिजाइन ऐसे होता तो परफैक्ट होता...

इन सबके बावजूद एक बहुत बड़ी खूबी भी है औरत के अंदर ...
एक बार उसे कुछ पसंद आ गया तो उसे आखिरी दम तक सजो के रखती है
वो चाहे रिश्ते हो या चूड़ी...

रंग उतर जाएगा, चमक खत्म हो जाएगी पर खुद से जुदा नहीं करेगी....बस यही खूबी औरत को विशिष्ट बनाती है....
 
औरत से प्रेम में अगर आप ये उम्मीद करते हैं कि वो आपसे पूरी तरह खुश है तो आप नादानी में हैं...
ये औरत के मूल में ही नहीं है...

अगर आप बहुत ज्यादा केयर करते है तो उससे भी ऊब जाएगी...
अगर आप बहुत उग्र हैं तो वो उससे भी बिदक जाएगी...
अगर आप बहुत ज्यादा विनम्र हैं तो वो उससे भी चिढ जाएगी...

अगर आप उससे बहुत ज्यादा बात करते हैं तो वो आपको टेक इट फौर ग्रांटड लेने लगेगी ...
अगर आप उससे बहुत कम बात करते हैं तो वो मान लेगी कि आपका चक्कर कहीं और चल रहा है...

यानी आप कुछ भी कर लीजिए वो संतुष्ट नहीं हो सकती...

ये उसका स्वभाव है...

वो एक ऐसा डेडली काॅम्बीनेशन खोजती है जो बना ही न हो, बन ही न सकता हो...

ठीक वैसे ही जैसे कपड़ा खरीदने जाती है तो कहती कि इसी कलर में कोई दूसरा डिजाइन दिखाओ, इसी डिजाइन में कोई दूसरा कलर दिखाओ...

कपड़े का गट्ठर लगा देती है...
बहुत परिश्रम के बाद एक पसंद आ भी गया, तो भी संतुष्ट नहीं हो सकती...
आखिरी तक सोचती है कि इसमे ये डिजाइन ऐसे होता तो परफैक्ट होता...

इन सबके बावजूद एक बहुत बड़ी खूबी भी है औरत के अंदर ...
एक बार उसे कुछ पसंद आ गया तो उसे आखिरी दम तक सजो के रखती है
वो चाहे रिश्ते हो या चूड़ी...

रंग उतर जाएगा, चमक खत्म हो जाएगी पर खुद से जुदा नहीं करेगी....बस यही खूबी औरत को विशिष्ट बनाती है....
Thank you for washing us so beautifully...
 
औरत से प्रेम में अगर आप ये उम्मीद करते हैं कि वो आपसे पूरी तरह खुश है तो आप नादानी में हैं...
ये औरत के मूल में ही नहीं है...

अगर आप बहुत ज्यादा केयर करते है तो उससे भी ऊब जाएगी...
अगर आप बहुत उग्र हैं तो वो उससे भी बिदक जाएगी...
अगर आप बहुत ज्यादा विनम्र हैं तो वो उससे भी चिढ जाएगी...

अगर आप उससे बहुत ज्यादा बात करते हैं तो वो आपको टेक इट फौर ग्रांटड लेने लगेगी ...
अगर आप उससे बहुत कम बात करते हैं तो वो मान लेगी कि आपका चक्कर कहीं और चल रहा है...

यानी आप कुछ भी कर लीजिए वो संतुष्ट नहीं हो सकती...

ये उसका स्वभाव है...

वो एक ऐसा डेडली काॅम्बीनेशन खोजती है जो बना ही न हो, बन ही न सकता हो...

ठीक वैसे ही जैसे कपड़ा खरीदने जाती है तो कहती कि इसी कलर में कोई दूसरा डिजाइन दिखाओ, इसी डिजाइन में कोई दूसरा कलर दिखाओ...

कपड़े का गट्ठर लगा देती है...
बहुत परिश्रम के बाद एक पसंद आ भी गया, तो भी संतुष्ट नहीं हो सकती...
आखिरी तक सोचती है कि इसमे ये डिजाइन ऐसे होता तो परफैक्ट होता...

इन सबके बावजूद एक बहुत बड़ी खूबी भी है औरत के अंदर ...
एक बार उसे कुछ पसंद आ गया तो उसे आखिरी दम तक सजो के रखती है
वो चाहे रिश्ते हो या चूड़ी...

रंग उतर जाएगा, चमक खत्म हो जाएगी पर खुद से जुदा नहीं करेगी....बस यही खूबी औरत को विशिष्ट बनाती है....
Not agree with ur post..
Aurt ko agar sachhi mohhbat ho gyi n tum Mardo se ... wo tumhre sath har haal mai khush rhti h chahe jhopri hi kiu nhi h wo bas pyaar or ijjat ki bhukhi hoti h or kuch nhi
 
Not agree with ur post..
Aurt ko agar sachhi mohhbat ho gyi n tum Mardo se ... wo tumhre sath har haal mai khush rhti h chahe jhopri hi kiu nhi h wo bas pyaar or ijjat ki bhukhi hoti h or kuch nhi
arre but last mai maine yahi toh likha hai aapne padha nahi kya.. hmne likha bhi ki ek baar aurat ko kuch pasand aa gya toh wo sanjo k rkhti hai...
 
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