मैं ख़्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है सरे-आईना मेरा अक्स है, पसे-आईना कोई और है
मैं किसी की दस्ते-तलब में हूँ तो किसी की हर्फ़े-दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
अजब ऐतबार-ओ-बेऐतबारी के दरम्यान है ज़िन्दगी
मैं क़रीब हूँ किसी और के, मुझे जानता कोई और है
मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
तुझे दुश्मनों की खबर न थी, मुझे दोस्तों का पता नहीं तेरी दास्तां कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
कभी लौट आएँ तो पूछना नहीं, देखना उन्हें गौर से
जिन्हें रास्ते में खबर हुईं, कि ये रास्ता कोई और है
मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
मैं किसी की दस्ते-तलब में हूँ तो किसी की हर्फ़े-दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का, मुझे माँगता कोई और है
मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
अजब ऐतबार-ओ-बेऐतबारी के दरम्यान है ज़िन्दगी
मैं क़रीब हूँ किसी और के, मुझे जानता कोई और है
मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
तुझे दुश्मनों की खबर न थी, मुझे दोस्तों का पता नहीं तेरी दास्तां कोई और थी, मेरा वाक्या कोई और है मैं ख़्याल हूँ किसी और का...
कभी लौट आएँ तो पूछना नहीं, देखना उन्हें गौर से
जिन्हें रास्ते में खबर हुईं, कि ये रास्ता कोई और है
मैं ख़्याल हूँ किसी और का...