ALEXANDERR
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हम अपने इख़्तियार की हद से गुजर गए,
चाहा तुम्हें तो प्यार की हद से गुजर गए,
जागी है अपने दिल में गुलाबों की आरज़ू,
जब मौसम-ए-बहार की हद से गुजर गए
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो
क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद,
किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद,
क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग,
मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद
आपके साथ हे दिल का साहिल,
आपका प्यार है दिल की मंजिल,
आप रहे मेरी हर खुशी में शामिल,
आप मिल जाओ तो इस दिल को,
और नहीं कुछ करना हासिल
लोग तो मरते हैं हुस्न पर
मेरा दिल तो तेरी गुफ्तगू पर मरता है
लम्हे कुछ पुराणी लिख दूँ,
कुछ नटखटी तो कुछ शैतानी लिख दूँ
इजाजत दे के देखिये,
आप दोनों पे एक कहानी लिख दूँ
शिकवा करने गए थे, और
इबादत सी हो गयी।
तुझे भूलने की जिद्द थी,
मगर तेरी आदत सी हो गयी
गम में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत,
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत
नजाकत ले के आँखों में,
वो उनका देखना तौबा,
या खुदा हम उन्हें देखें
कि उनका देखना देखें
तमन्ना है मेरे मन की हर पल साथ तुम्हारा हो
जितने भी सांसे चले हैं हर सांस पर नाम तुम्हारा हो
हर अल्फाज़ में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पानी को भी प्यार लिखा जाता है,
मेरे जज्बात से वक़िफ़ है मेरी कलाम भी,
प्यार लिखो तो तेरा नाम लिखा जाता है
घायल कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लहू था दिल मेरा मगर
होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में,
बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में,
कभी तुम यह दिल तोड़कर मत जाना,
हमने उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में
चाहा तुम्हें तो प्यार की हद से गुजर गए,
जागी है अपने दिल में गुलाबों की आरज़ू,
जब मौसम-ए-बहार की हद से गुजर गए
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो
क्या चाहूँ रब से तुम्हें पाने के बाद,
किसका करूँ इंतज़ार तेरे आने के बाद,
क्यों मोहब्बत में जान लुटा देते हैं लोग,
मैंने भी यह जाना इश्क़ करने के बाद
आपके साथ हे दिल का साहिल,
आपका प्यार है दिल की मंजिल,
आप रहे मेरी हर खुशी में शामिल,
आप मिल जाओ तो इस दिल को,
और नहीं कुछ करना हासिल
लोग तो मरते हैं हुस्न पर
मेरा दिल तो तेरी गुफ्तगू पर मरता है
लम्हे कुछ पुराणी लिख दूँ,
कुछ नटखटी तो कुछ शैतानी लिख दूँ
इजाजत दे के देखिये,
आप दोनों पे एक कहानी लिख दूँ
शिकवा करने गए थे, और
इबादत सी हो गयी।
तुझे भूलने की जिद्द थी,
मगर तेरी आदत सी हो गयी
गम में ख़ुशी की वजह बनी है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनी है मोहब्बत,
जब कुछ भी ना रहा था अच्छा इस दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनी है यह मोहब्बत
नजाकत ले के आँखों में,
वो उनका देखना तौबा,
या खुदा हम उन्हें देखें
कि उनका देखना देखें
तमन्ना है मेरे मन की हर पल साथ तुम्हारा हो
जितने भी सांसे चले हैं हर सांस पर नाम तुम्हारा हो
हर अल्फाज़ में एहसास लिखा जाता है,
यहाँ पानी को भी प्यार लिखा जाता है,
मेरे जज्बात से वक़िफ़ है मेरी कलाम भी,
प्यार लिखो तो तेरा नाम लिखा जाता है
घायल कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लहू था दिल मेरा मगर
होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में,
बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में,
कभी तुम यह दिल तोड़कर मत जाना,
हमने उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में