लोग कहते है मेरे चेहरे पे मुस्कान बहुत है
इस धुएं मेरी पहचान बहुत है
निराशा तो काफी है मेरी कश्ती मे लेकिन
इस कश्ती को लड़ने के अरमान बहुत है
नाउम्मीद तो हुए हजारो मर्तबा मगर
इस दिल मे उम्मीदों के मकान बहुत है
टूटे पत्तो से ख्वाब सजाने वाला मै
सूखे पत्तो पर मुझे आन बहुत है
दो लफ्जों मे बंटे मेरे अक्षर देखो
इस नाचीज का यहाँ नाम बहुत है
मेरी कोशिश हारी कितनी मर्तबा मगर
हर कोशिश पे मुझे गुमान बहुत है
इस धुएं मेरी पहचान बहुत है
निराशा तो काफी है मेरी कश्ती मे लेकिन
इस कश्ती को लड़ने के अरमान बहुत है
नाउम्मीद तो हुए हजारो मर्तबा मगर
इस दिल मे उम्मीदों के मकान बहुत है
टूटे पत्तो से ख्वाब सजाने वाला मै
सूखे पत्तो पर मुझे आन बहुत है
दो लफ्जों मे बंटे मेरे अक्षर देखो
इस नाचीज का यहाँ नाम बहुत है
मेरी कोशिश हारी कितनी मर्तबा मगर
हर कोशिश पे मुझे गुमान बहुत है