तू वो किस्सा है जिसे सुनाना चाहता हूं
तू वो तस्वीर है जिसे दुनिया को दिखाना चाहता हूं
तू वो आसमां है मेरे लिए जिसमें पंख फैलाना चाहता हूं
तू वो दरिया है जिसकी गहराई में डूब जाना चाहता हूं
तू वो ग़ज़ल है जिसे लिखना चाहता हूं
तू वो ख्वाब है जिसे जीना चाहता हूं
तू वो मन्नत है जिसे रोज़ रब से मांगता हूं
तू वो मंज़िल है जिसे मैं पाना चाहता हूं
तू सर्दियों की धूप है, गर्मियों की राहत
मरने वाले की आखिरी इच्छा है तू,
तू है जीने की चाहत
तू वो सपना है
जो रोज रातों को मेरी नींदों में दस्तक देता है
तू वो एहसास है जो हर वक्त मेरे साथ रहता है
तू सावन की वो पहली बूंद है, जो धरती को सुकून देती है
तू मिट्टी की वो खुशबू है को मद्धम मद्धम उठती है
तू वो पाक दुआ है, जिसको रोज़ में दोहराता हूं
तू रब का वो रूप है, जिसे मैं खुद से भी ज्यादा चाहता हूं।