यह इश्क ही था, जो हमें जोड़े रखे, तेरे बिना, खुदा भी शायद कुछ न कर पाए। मुकद्दर नहीं, ये दिल था जो तुझे अपना पाया, तेरी चाहत में ही तो मेरी दुनिया सवर गई।तुम्हें किस बात का गुरुर है पता नहीं
तू भी तो बस एक इंसान थी खुदा नहीं
ये तो मेरा इश्क था जो तुम्हें मुकद्दर बना दिया
अब तू मुझपे अपने प्यार का एहसान जाता नहीं
Khud parतुम्हें किस बात का गुरुर है पता नहीं
तू भी तो बस एक इंसान थी खुदा नहीं
ये तो मेरा इश्क था जो तुम्हें मुकद्दर बना दिया
अब तू मुझपे अपने प्यार का एहसान जाता नहीं
Ishq cheej hi aise hai janabयह इश्क ही था, जो हमें जोड़े रखे, तेरे बिना, खुदा भी शायद कुछ न कर पाए। मुकद्दर नहीं, ये दिल था जो तुझे अपना पाया, तेरी चाहत में ही तो मेरी दुनिया सवर गई।
तू नहीं, तेरे प्यार का असर था जो इतना गहरा, तेरे बिना मेरी दुनिया, सुनसान सी लगती। ये एहसान नहीं, बस एक अहसास है दिल में, तू है मेरी धड़कन, तुझसे ही तो ये जिंदगी खिलती।