महज़ उसके बारे में इतना पता है कि मुझको दुआओं में वो माँगता है
सदा फूल को ढूंढ लेती है तितली भँवर भी कली का पता जानता है
तुम्हें देखने को तरसती हैं आँखें भला क्या तुम्हारा मिरा राब्ता है
सुनो आज फिर एक नादां पतंगा किसी शम्अ से खेलना चाहता है
जिसे मानता है जहां सारा क़ाफ़िर तिरे इश्क़ को वो ख़ुदा मानता है
दवा में " सहर" तुम मुझे दर्द दे दो सुना है ज़हर को ज़हर काटता है
सदा फूल को ढूंढ लेती है तितली भँवर भी कली का पता जानता है
तुम्हें देखने को तरसती हैं आँखें भला क्या तुम्हारा मिरा राब्ता है
सुनो आज फिर एक नादां पतंगा किसी शम्अ से खेलना चाहता है
जिसे मानता है जहां सारा क़ाफ़िर तिरे इश्क़ को वो ख़ुदा मानता है
दवा में " सहर" तुम मुझे दर्द दे दो सुना है ज़हर को ज़हर काटता है