जिंदगी में इन्सान उस वक्त टूट जाता है,Wafa,ikhlaas,Qurbaani,Mohabbat..
Ab in lafzo ka peecha kyu kare hum?? Zulekhaay-e-Azeezaa (behadd khubsurat ladki) baat ye hai..
Bhala ghaate ka sauda kyu kare hum??...
Nice..किसके साथ चलूं किसकी हो जाऊं,
बेहतर है अकेली रहूँ और तनहा हो जाऊं!
chat room aane boli thiWafa,ikhlaas,Qurbaani,Mohabbat..
Ab in lafzo ka peecha kyu kare hum?? Zulekhaay-e-Azeezaa (behadd khubsurat ladki) baat ye hai..
Bhala ghaate ka sauda kyu kare hum??...
रिश्ता रहा अजीब मिरा ज़िंदगी के साथकिसके साथ चलूं किसकी हो जाऊं,
बेहतर है अकेली रहूँ और तनहा हो जाऊं!
दुनिया बदल रही है ज़माने के साथ साथअकेले एक जगह पर बैठने का भी एक अलग ही एहसास होता है,
यहाँ सोचने का एक सुनहरा मौक़ा मिलता है!