4
4ץöu
Guest
इन खुशियों के पीछे
ना जाने कितने छुपे है राज
कल तक था जिसपर इस दिल को नाज
तरसती है आँखे उसे देखने को आज
प्यारे थे शायर सिर्फ तेरे अलफ़ाज़
आज है वो मेरे गम के मुहताज़
मेरी हालत देख ना आएगी तुझे लाज
किसे सुनाऊ में अपने दर्द की आवाज़
जब तू रहा नहीं कभी साथ
फिर भी ना जाने क्यों करती हु
में पागल तेरी तस्वीरो से बात
ना जाने कितने छुपे है राज
कल तक था जिसपर इस दिल को नाज
तरसती है आँखे उसे देखने को आज
प्यारे थे शायर सिर्फ तेरे अलफ़ाज़
आज है वो मेरे गम के मुहताज़
मेरी हालत देख ना आएगी तुझे लाज
किसे सुनाऊ में अपने दर्द की आवाज़
जब तू रहा नहीं कभी साथ
फिर भी ना जाने क्यों करती हु
में पागल तेरी तस्वीरो से बात