आज हम एक विशेष दिन मना रहे हैं, हिंदी दिवस। यह दिन हमारे समर्पण और गर्व का प्रतीक है, जो हमारी सांस्कृतिक धरोहर और भाषा के प्रति हमारी निष्ठा को दर्शाता है। हिंदी भाषा, जो भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है, आज हम सबके बीच एक पुल का कार्य करती है। हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है कि अपनी मातृभाषा को समझना और उसका सम्मान करना कितना आवश्यक है।
राष्ट्र भाषा हिंदी, प्राणों की आत्मा,
हर दिल की धड़कन, हर भाव की कांति।
हमारे देश की विभिन्न भाषाओं और बोलियों के बावजूद, हिंदी ने एकता और समानता का सूत्रपात किया है। यह भाषा ना केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को भी संजोए हुए है। हिंदी में लिखी गई कविताएँ, कहानियाँ, और उपन्यास न केवल हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं, बल्कि हमें विश्व की विविधताओं के प्रति संवेदनशील भी बनाते हैं।
साहित्य की गूंज से गूँज उठती रचनाएँ,
हिंदी की महिमा में बसी सृजन की सदा।
हिंदी दिवस के इस अवसर पर हमें चाहिए कि हम अपनी मातृभाषा को ना केवल बोलें, बल्कि उसे समझे और उसका प्रचार करें। भाषा की शक्ति को पहचानें और इसे संरक्षित करने का संकल्प लें। हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह हमारे अस्तित्व की अभिव्यक्ति है।
रखा जाए सम्मान, जो संग लाए स्नेह,
हिंदी की प्यारी बुनाई में बुना रहे हम।
आशा है कि हम सभी इस दिन को अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देंगे और हिंदी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे।
Dr ElarA
राष्ट्र भाषा हिंदी, प्राणों की आत्मा,
हर दिल की धड़कन, हर भाव की कांति।
हमारे देश की विभिन्न भाषाओं और बोलियों के बावजूद, हिंदी ने एकता और समानता का सूत्रपात किया है। यह भाषा ना केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को भी संजोए हुए है। हिंदी में लिखी गई कविताएँ, कहानियाँ, और उपन्यास न केवल हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं, बल्कि हमें विश्व की विविधताओं के प्रति संवेदनशील भी बनाते हैं।
साहित्य की गूंज से गूँज उठती रचनाएँ,
हिंदी की महिमा में बसी सृजन की सदा।
हिंदी दिवस के इस अवसर पर हमें चाहिए कि हम अपनी मातृभाषा को ना केवल बोलें, बल्कि उसे समझे और उसका प्रचार करें। भाषा की शक्ति को पहचानें और इसे संरक्षित करने का संकल्प लें। हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह हमारे अस्तित्व की अभिव्यक्ति है।
रखा जाए सम्मान, जो संग लाए स्नेह,
हिंदी की प्यारी बुनाई में बुना रहे हम।
आशा है कि हम सभी इस दिन को अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देंगे और हिंदी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे।
Dr ElarA