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हमें फिक्र है बहुत

Yug Purush

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शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
Nice ! :giggle:
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
:clapping:
 
Self composed ?
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते IIps
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
ग़म बताएं भी किसे, जो दिल को समझे
दर्द-ए-दिल का क्या कहाना, किसे सुनाए
ग़म-ए-इश्क़ का क्या इलाज, किसे बताएं
दिल की बातें छुप जाएं, किसे सुनाएं!!
 
ग़म बताएं भी किसे, जो दिल को समझे
दर्द-ए-दिल का क्या कहाना, किसे सुनाए
ग़म-ए-इश्क़ का क्या इलाज, किसे बताएं
दिल की बातें छुप जाएं, किसे सुनाएं!!
दिल की बात दिल में छुपाया नहीं करते,
वक्त बहुत कीमती है इसे ज़ाया नहीं करते !

ज़ाहिर कर दो जज़्बात अपने दिल -ए-नादान के,
मन की बात बोलने में वक़्त लगाया नहीं करते !

ख़ामखाँ ही परेशान हो जाएगा कोई भी शख्स,
हर किसी को दास्तां-ए-दिल सुनाया नहीं करते !

ख्वाबों में तो तुम मेरे ही हो चुके हो पूरी तरह,
फिर क्यों हक़ीकत में सामने आया नहीं करते !

ये लोग क्या समझेंगे मोहब्बत के वजूद को,
क्योंकि लूटने वाले कभी इज्ज़त कमाया नहीं करते !

इश्क़ में दर्द का भी एक अपना मजा होता है,
यूं ही ये दर्द सबको दिखाया नहीं करते !

तेरी यादों की तपिश में सुलगा है ये दिल मेरा,
हम भी यूं बेवजह सिगरेट जलाया नहीं करते !

तुझसे बेपनाह मोहब्बत मुझे पहले भी थी,आज भी है,
वरना हर रोज तेरी तस्वीर सीने से लगाया नहीं करते !♥️♥️
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II

शिकायत भी उनसे ही होती है, जो दिल के करीब होते हैं,
वरना अजनबी तो बस यादों में भी नहीं होते।
ज़िक्र ज़रूरी है, ताकि गलतफहमियाँ ना बन जाएं दीवार,
हर खामोशी का मतलब नफ़रत नहीं होता हर बार।
मोहब्बत अगर सच्ची है तो छुपाने की ज़रूरत क्या,
इबादत की तरह निभाओ, पर एहसासों से रोशनी भी तो हो।
छुपाना अगर आदत बन जाए, तो दूरी तय होने में वक़्त नहीं लगता,
सच्चे जज़्बातों को जताना भी तो मोहब्बत का हिस्सा है।
ग़म अगर अपने हैं, तो अपनों से कहना भी जरूरी है,
वरना दिल तो चुपचाप टूट जाता है भीड़ में भी।
झिझक छोड़ो, दर्द बांटने से कम होता है —
और शायद उसी एक बात से, कोई अपना फिर से पास आ जाए।
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
Bahut hi gehra aur sachcha jazbaat hai… Kabhi-kabhi dard aur mohabbat ko chhupana hi behtar hota hai, kyunki asli jazbaat zaroori nahi hamesha shabdon mein hi bayan ho. Tumhari likhai mein dard aur pyaar dono ki mehsoosat hai
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
Bina jikra ki fikr ka kya kare

ना कभी हाल पूछ न कभी चाल पूछा
कैसे मानलु उसे फिकर हैं मेरी
उसने तो मेरे वजूद पे भी सवाल पूछा
 
शिकायत है उनको हम से कि उनकी क़दर नहीं,
हमें फिक्र है बहुत पर ज़िक्र नहीं करते II

मुहब्बत इक तरह की इबादत है मेरे लिए,
हमें प्यार है बहुत पर दिखावा नहीं करते II

हमेशा मुस्कुराता चेहरा देख ग़लतफ़हमी न पाल लेना,
हमें भी हैं ग़म बहुत पर बताया नहीं करते II
दिल में छुपी है फ़िक्र, आँखों में नमी है, तुम सलामत रहो बस, यही दुआ हर घड़ी है।
*A_AICS
 
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