स्त्री को पढ़ सको तो पढ़ना,
फिर जान पाओगे कि,
इस ब्रह्मांड से परे भी
एक जटिलता है,
एक फैली हुई सहजता है
ममत्व के धागे से बुनी हुई
प्रेम के रंग से रंगी हुई,
उसके अंतस को छूना,
उसके हर कण को धारण करना
अगर संपूर्णता से धारण कर सके,
तुम ईश्वर के समकक्ष हो जाओगे ...!!
फिर जान पाओगे कि,
इस ब्रह्मांड से परे भी
एक जटिलता है,
एक फैली हुई सहजता है
ममत्व के धागे से बुनी हुई
प्रेम के रंग से रंगी हुई,
उसके अंतस को छूना,
उसके हर कण को धारण करना
अगर संपूर्णता से धारण कर सके,
तुम ईश्वर के समकक्ष हो जाओगे ...!!