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साँसो ज़रा आहिस्ता चलो

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो

धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
कुछ बातों समझाने से नहीं,
खुद पर बीत जाने से समझ आती है!
 
हमने सोचा था की बताएंगे सब दुःख दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी न पूछा की ख़ामोश क्यों हो!
 
हमने सोचा था की बताएंगे सब दुःख दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी न पूछा की ख़ामोश क्यों हो!
हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी

और वो समझे नहीं ये ख़ामुशी क्या चीज़ है
 
कुछ बातों समझाने से नहीं,
खुद पर बीत जाने से समझ आती है!
:Drunk:
हमने सोचा था की बताएंगे सब दुःख दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी न पूछा की ख़ामोश क्यों हो!
वो संगदिल सनम है जो आपको समझता नहीं
चलो हमें ही बता दो इतनी खामोश क्यों हो

इसी बहाने ही सही सुन तो वो भी लेगा ही
फिर देखेंगे हम भी आपको वो कैसे समझता नहीं

हर कोई परेशान है मेरे कम बोलने से,
और मै तंग हूँ मेरे अंदर के शोर से!
ये चुप्पी आखिर कब तलक साथ रखोगे
ना वो बोलता है ना ही आप लब खोलती हैं
ऐसे तो परेशान सभी होंगे ना, तो

मुहूर्त निकालू क्या लब खोलने को..
 
हर कोई परेशान है मेरे कम बोलने से,
और मै तंग हूँ मेरे अंदर के शोर से!
मन के अंदर, बहुत शोर है,
नजर नहीं आता, सामने जो मोड़ है।
सब कुछ नही, बाहर की दुनिया में,
मन के अंदर, सुकून का भी एक डोर है।
परखना सीखो अंदर और बाहर की दुनिया,
यही वह वक्त है, जहां होते सभी कमजोर है।
साहस कभी किसी राह में, ना कम रखना,
मन के अंदर, यही बात का बहुत शोर है।
 
:Drunk:

वो संगदिल सनम है जो आपको समझता नहीं
चलो हमें ही बता दो इतनी खामोश क्यों हो

इसी बहाने ही सही सुन तो वो भी लेगा ही
फिर देखेंगे हम भी आपको वो कैसे समझता नहीं


ये चुप्पी आखिर कब तलक साथ रखोगे
ना वो बोलता है ना ही आप लब खोलती हैं
ऐसे तो परेशान सभी होंगे ना, तो

मुहूर्त निकालू क्या लब खोलने को..
Are bhot khub .ap toh babbar sher nikle ..
 
मन के अंदर, बहुत शोर है,
नजर नहीं आता, सामने जो मोड़ है।
सब कुछ नही, बाहर की दुनिया में,
मन के अंदर, सुकून का भी एक डोर है।
परखना सीखो अंदर और बाहर की दुनिया,
यही वह वक्त है, जहां होते सभी कमजोर है।
साहस कभी किसी राह में, ना कम रखना,
मन के अंदर, यही बात का बहुत शोर है।
Yeh bhi sahi hai ek no :whistle:
 
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