कोई हालात नहीं समझता
तो कोई जज्बात नहीं समझता,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है
कोई कोरा कागज भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता।।
Yeah ji.....It’s true that everyone has their own way of understanding things. Some see the surface, while others dig deeper.......... If you go deeper, you see the whole pain or joy..................... if you just see the surface.......... lol!
कोई हालात नहीं समझता
तो कोई जज्बात नहीं समझता,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है
कोई कोरा कागज भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता।।
Thank you...Yeah ji.....It’s true that everyone has their own way of understanding things. Some see the surface, while others dig deeper.......... If you go deeper, you see the whole pain or joy..................... if you just see the surface.......... lol!
koi sirf kaghaz par likha padhta hai, aur doosre log uski asal kahani samajh lete hain... b/w nice lines sahab*
कोई हालात नहीं समझता
तो कोई जज्बात नहीं समझता,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है
कोई कोरा कागज भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता।।
समझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता
कोई हालात नहीं समझता
तो कोई जज्बात नहीं समझता,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है
कोई कोरा कागज भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता।।
झूठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जातासमझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता
तड़पता हूँ मगर औरों को तड़पाना नहीं आता।।
Yeha to apne bhi apni ko nhi samjhata
कोई हालात नहीं समझता
तो कोई जज्बात नहीं समझता,
ये तो बस अपनी अपनी समझ है
कोई कोरा कागज भी पढ़ लेता है
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता।।
Baat shi hai...Yeha to apne bhi apni ko nhi samjhata