यूं तो आसान नहीं है जिन्दगी,
फिर भी जीने का शौक रखता हूँ।
हर चमकता पत्थर मेरी ख्वाहिश नहीं,
मैं किसी खास नगीने का शौक रखता हूँ।
जाम से जाम लड़ते होंगे महफ़िलों में,
मैं अकेले में पीने का शौक रखता हूँ।
बे-ईमान की दौलत शुकून देती होगी,
मैं बस पसीने का शौक रखता हूँ।
हर तरफ आज हाथों मे खंजर हैं,
मैं जख्म सीने का शौक रखता हूँ।
दूर ही सही मेरी मंजिल मुझसे,
मैं फिर भी उसे छूने का शौक रखता हूँ ।।
फिर भी जीने का शौक रखता हूँ।
हर चमकता पत्थर मेरी ख्वाहिश नहीं,
मैं किसी खास नगीने का शौक रखता हूँ।
जाम से जाम लड़ते होंगे महफ़िलों में,
मैं अकेले में पीने का शौक रखता हूँ।
बे-ईमान की दौलत शुकून देती होगी,
मैं बस पसीने का शौक रखता हूँ।
हर तरफ आज हाथों मे खंजर हैं,
मैं जख्म सीने का शौक रखता हूँ।
दूर ही सही मेरी मंजिल मुझसे,
मैं फिर भी उसे छूने का शौक रखता हूँ ।।