यूं भी और यूं भी गर मौत को ही आना है तो,
शराब भी पीजिये जनाब ऊपर ही जाना है तो,
फर्क नही पड़ता कुछ भी थोड़ी पीओ या जियादा,
मयकश ही कहेंगे सब हाथ में पैमाना है तो,
वो गम मेरा समझेगा क्यूं रोजाना पीता हूँ,
कभी भी उसने अगर मुझे अपना माना है तो,
दर्दे दिल के मारे कम से कम मिलेंगे वहां पर,
इलाके में जिनके भी यारो मयखाना है तो,
कहो किसलिए गाऊँ मैं गजले लोगों की लिखी,
गुनगुनाऊंगा नाम तेरा कुछ गुनगुनाना है तो.......!
शराब भी पीजिये जनाब ऊपर ही जाना है तो,
फर्क नही पड़ता कुछ भी थोड़ी पीओ या जियादा,
मयकश ही कहेंगे सब हाथ में पैमाना है तो,
वो गम मेरा समझेगा क्यूं रोजाना पीता हूँ,
कभी भी उसने अगर मुझे अपना माना है तो,
दर्दे दिल के मारे कम से कम मिलेंगे वहां पर,
इलाके में जिनके भी यारो मयखाना है तो,
कहो किसलिए गाऊँ मैं गजले लोगों की लिखी,
गुनगुनाऊंगा नाम तेरा कुछ गुनगुनाना है तो.......!