गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल,
जो काट ना सकोगे वो रात हूं मैं ।
की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात हूं मैं ।
भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे,
अपनेपन का अहसास जो करा दे, वो एक साथ हूं मैं ।
बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद हूं मैं ।
जो काट ना सकोगे वो रात हूं मैं ।
की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात हूं मैं ।
भीड़ में जब तन्हा, खुदको तुम पाओगे,
अपनेपन का अहसास जो करा दे, वो एक साथ हूं मैं ।
बिताए होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद हूं मैं ।