Siddhantrt
Epic Legend
बिछड़ने से कुछ वक़्त पहले लड़की ख़ामोश हो जाती है।
लड़का उसे समझा चुका होता है कि रोना नहीं है।
लड़की हाँ में सिर हिला देती है कि रोएगी नहीं।
पेड़-पहाड़ी सब पीछे छूटते जा रहे होते।
सिर्फ़ सूरज उनके साथ चल रहा होता।
लड़की की आँखों से आँसू की मोटी-मोटी बूँदे लड़के की जेब में टपक रही होती।
लड़का लड़की की तरफ़ देखे बग़ैर उसके बालों को सहला, होंठो को गोल करके फूँक देता है।
आँसू भरी नज़रों में एक मुस्कान खिल जाती है, लड़के की इस शरारत पर और फिर अगले ही पल लड़की फूट-फूट कर रोने लग जाती है।
लड़की को लगने लगता है कि इस पल में कल वो अकेली होगी। इन सड़कों से गुज़रते हुए उसे उसका महबूब नहीं दिखेगा। वो कहीं भी नहीं होगा। शहर में सब हो कर भी कोई भी नहीं होगा।
वो कितना कुछ कह देना चाहती है उस पल में मगर वो कुछ बोल नहीं पाती।
उसकी हथेली को लड़का अपनी हथेली में पिघलता महसूस करता है। आँसू सारे उसकी जेब में गिर कर संभल चुके होते हैं। लड़की सूनी आँख लिए, बिना बाई बोले आख़िर में कैब से उतर जाती है।
सबसे गहरे रिश्तों की विदाई ऐसी ही ख़ामोशी से गुज़रती है!
लड़का उसे समझा चुका होता है कि रोना नहीं है।
लड़की हाँ में सिर हिला देती है कि रोएगी नहीं।
पेड़-पहाड़ी सब पीछे छूटते जा रहे होते।
सिर्फ़ सूरज उनके साथ चल रहा होता।
लड़की की आँखों से आँसू की मोटी-मोटी बूँदे लड़के की जेब में टपक रही होती।
लड़का लड़की की तरफ़ देखे बग़ैर उसके बालों को सहला, होंठो को गोल करके फूँक देता है।
आँसू भरी नज़रों में एक मुस्कान खिल जाती है, लड़के की इस शरारत पर और फिर अगले ही पल लड़की फूट-फूट कर रोने लग जाती है।
लड़की को लगने लगता है कि इस पल में कल वो अकेली होगी। इन सड़कों से गुज़रते हुए उसे उसका महबूब नहीं दिखेगा। वो कहीं भी नहीं होगा। शहर में सब हो कर भी कोई भी नहीं होगा।
वो कितना कुछ कह देना चाहती है उस पल में मगर वो कुछ बोल नहीं पाती।
उसकी हथेली को लड़का अपनी हथेली में पिघलता महसूस करता है। आँसू सारे उसकी जेब में गिर कर संभल चुके होते हैं। लड़की सूनी आँख लिए, बिना बाई बोले आख़िर में कैब से उतर जाती है।
सबसे गहरे रिश्तों की विदाई ऐसी ही ख़ामोशी से गुज़रती है!