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वही कोरा कागज।

Siddhantrt

Epic Legend
हाँ वही कोरा कागज़
जो कभी मोहब्बत ने
हुस्न की तवज्जो खातिर
फेंका था,

इश्क के कई मौसम बीते
हुए किस्से भी कई मशहूर
पर वो खाली कागज़
असल की मिट्टी में
सनता रहा,
बस किसी तरह
वक़्त के तूफ़ान
उसे उड़ा तितर-बितर
दब खोने नहीं देते थे,

इक रोज़ किसी ने
उस लावारिस कागज़ को उठा
लिख दी उस पर
कोई नज़्म,
अब आता जाता हर शख्स
उसे पढ़ मुस्कुरा कर
खुद का रिश्तेदार बताता है।
 
हाँ वही कोरा कागज़
जो कभी मोहब्बत ने
हुस्न की तवज्जो खातिर
फेंका था,

इश्क के कई मौसम बीते
हुए किस्से भी कई मशहूर
पर वो खाली कागज़
असल की मिट्टी में
सनता रहा,
बस किसी तरह
वक़्त के तूफ़ान
उसे उड़ा तितर-बितर
दब खोने नहीं देते थे,

इक रोज़ किसी ने
उस लावारिस कागज़ को उठा
लिख दी उस पर
कोई नज़्म,
अब आता जाता हर शख्स
उसे पढ़ मुस्कुरा कर
खुद का रिश्तेदार बताता है।
सृष्टा से आदि
उसी से अन्त
कभी यात्रा अनंत की,
शाश्वत सत्य कि
वक्त हमेशा बदलता रहेगा।
जिस पत्थर को
आज हम देखते हैं
वह कल वहां न होगा
किस रूप स्थान
मान-अपमान से होगा
कदाचित कह पाता,
यही तो है भौतिकता से
सांस्कृतिकता की यात्रा
उगते सूर्य से
डूबने की ओर
बचपन में
सपनों की दुनियां
बुढापे में
खटखट हड्डियों का
शोर,
नियम प्रकृति का
मानव के लिए
चेतन से
अचेतन की ओर
अथवा
प्रकृति मानव
और
संस्कृति में

सामंजस्य की ओर
 
हाँ वही कोरा कागज़
जो कभी मोहब्बत ने
हुस्न की तवज्जो खातिर
फेंका था,

इश्क के कई मौसम बीते
हुए किस्से भी कई मशहूर
पर वो खाली कागज़
असल की मिट्टी में
सनता रहा,
बस किसी तरह
वक़्त के तूफ़ान
उसे उड़ा तितर-बितर
दब खोने नहीं देते थे,

इक रोज़ किसी ने
उस लावारिस कागज़ को उठा
लिख दी उस पर
कोई नज़्म,
अब आता जाता हर शख्स
उसे पढ़ मुस्कुरा कर
खुद का रिश्तेदार बताता है।
:clapping:
 
Mera jevan Kora kaagaj kora hi reh gaya
Jo likha tha aasuo k sang beh Gaya
Mera jewan :cry1:
Jindagi pyar ka geet hai , isse har dil ko gana padega !!
Jindagi gam ka sagar bhi hai , hasake uss par Jana padega !! :hearteyes:
 
सृष्टा से आदि
उसी से अन्त
कभी यात्रा अनंत की,
शाश्वत सत्य कि
वक्त हमेशा बदलता रहेगा।
जिस पत्थर को
आज हम देखते हैं
वह कल वहां न होगा
किस रूप स्थान
मान-अपमान से होगा
कदाचित कह पाता,
यही तो है भौतिकता से
सांस्कृतिकता की यात्रा
उगते सूर्य से
डूबने की ओर
बचपन में
सपनों की दुनियां
बुढापे में
खटखट हड्डियों का
शोर,
नियम प्रकृति का
मानव के लिए
चेतन से
अचेतन की ओर
अथवा
प्रकृति मानव
और
संस्कृति में

सामंजस्य की ओर
:Like::clapping::kiss:
 
Jindagi ki yahi reet hai , haar k baad hi jeet hai !!:heart1:
Tuta tuta ek parinda aisey tuta k fir udd naa paaya luta liya kisney usko aisey luta k fir Judd naa paaya
Udata hua wo aasma sey aa kar gira jamin par
 
Tuta tuta ek parinda aisey tuta k fir udd naa paaya luta liya kisney usko aisey luta k fir Judd naa paaya
Udata hua wo aasma sey aa kar gira jamin par
Har ghadi badal rahi hai roop jindagi ,
Kahi hai chhav to kahi hai dhoop jindagi ,
Har pal yaha jee bhar jiyo ,
Jo hai sama kal ho na ho :)
 
Har ghadi badal rahi hai roop jindagi ,
Kahi hai chhav to kahi hai dhoop jindagi ,
Har pal yaha jee bhar jiyo ,
Jo hai sama kal ho na ho :)
Koi hota jis ko apna hum apna keh leytey yaaro paas nahi to durr hi hota lekin koi mera apna
 
हाँ वही कोरा कागज़
जो कभी मोहब्बत ने
हुस्न की तवज्जो खातिर
फेंका था,

इश्क के कई मौसम बीते
हुए किस्से भी कई मशहूर
पर वो खाली कागज़
असल की मिट्टी में
सनता रहा,
बस किसी तरह
वक़्त के तूफ़ान
उसे उड़ा तितर-बितर
दब खोने नहीं देते थे,

इक रोज़ किसी ने
उस लावारिस कागज़ को उठा
लिख दी उस पर
कोई नज़्म,
अब आता जाता हर शख्स
उसे पढ़ मुस्कुरा कर
खुद का रिश्तेदार बताता है।
:clapping:
 
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