आधी रात में
करवट लिए जब
दायें हाथ का
तकिया बनाता हूँ
कान ठीक वहीँ होता है
जहाँ से नब्ज़ जांचता है डॉक्टर
आज गिना था मैंने
एक मिनट में सत्तर बार
वहाँ से तुम्हारा नाम
पुकारती हैं नसें
मसनद गले से लगाकर
तुम्हारी सूरत
रात भर करवट नहीं
बदलता मैं.....!!!
करवट लिए जब
दायें हाथ का
तकिया बनाता हूँ
कान ठीक वहीँ होता है
जहाँ से नब्ज़ जांचता है डॉक्टर
आज गिना था मैंने
एक मिनट में सत्तर बार
वहाँ से तुम्हारा नाम
पुकारती हैं नसें
मसनद गले से लगाकर
तुम्हारी सूरत
रात भर करवट नहीं
बदलता मैं.....!!!