चाँदनी की चादर तले, लिपटी हुई रात में,
जवां ख्वाबों की रेशमी राह में,
तेरी अदाओं का जादू, तेरे होंठों की सदा,
दिल की धड़कन को समेटे, बंधी हुई हर लहर में।
तेरी आंखों का समंदर, मेरी धड़कन का मेला,
सपनों की चुप्पी में, तेरा हर इशारा खेला।
रात की कोख में, बंधे हैं रिश्तों के रंग,
खुलते हैं, सीने में, तेरे छुपे हर अंग।
हवा की सरसराहट में, तेरे छुअन की बात हो,
रात की नर्म चादर में, बस एक तू और मैं, कोई और ना हो।
शब्दों की सीमा से परे, दिल की गहराइयों में,
तेरे मेरे बीच की यह शाम, सब कुछ कह दे, यही चाह है।
जवां ख्वाबों की रेशमी राह में,
तेरी अदाओं का जादू, तेरे होंठों की सदा,
दिल की धड़कन को समेटे, बंधी हुई हर लहर में।
तेरी आंखों का समंदर, मेरी धड़कन का मेला,
सपनों की चुप्पी में, तेरा हर इशारा खेला।
रात की कोख में, बंधे हैं रिश्तों के रंग,
खुलते हैं, सीने में, तेरे छुपे हर अंग।
हवा की सरसराहट में, तेरे छुअन की बात हो,
रात की नर्म चादर में, बस एक तू और मैं, कोई और ना हो।
शब्दों की सीमा से परे, दिल की गहराइयों में,
तेरे मेरे बीच की यह शाम, सब कुछ कह दे, यही चाह है।