बहनें मुझे रोज़ याद नहीं आतीं,
जैसे याद नहीं आता दुनिया में अपना होना
जीवन और मृत्यु के बीच
एक पुल बनाए रखने के लिए
लगातार साँस लेना,
बहनें मुझे याद आती हैं त्यौहारों पर,
देवियों और देवताओं की तरह,
सुबह सुबह एक अनुष्ठान की तरह,
उनसे पूछता हूँ उनके हाल चाल,
दोहराता हूँ कुछ बहुत घिसे-पिटे वाक्य...!!
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.....!!
जैसे याद नहीं आता दुनिया में अपना होना
जीवन और मृत्यु के बीच
एक पुल बनाए रखने के लिए
लगातार साँस लेना,
बहनें मुझे याद आती हैं त्यौहारों पर,
देवियों और देवताओं की तरह,
सुबह सुबह एक अनुष्ठान की तरह,
उनसे पूछता हूँ उनके हाल चाल,
दोहराता हूँ कुछ बहुत घिसे-पिटे वाक्य...!!
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.....!!