हसरत मरती नहीं है
जब तक जिंदा रहती है
उलझा के रखती है,
कल के अँधेरे में
खोया गीत
कल के सन्नाटे में
खोयी ग़ज़ल
दिए जलाने पर,
ढोल पीटने पर,
ख़ामोशी की जंजीरों को
न तोड़ पाते हैं,
न उनसे निकल पाते हैं...!
कुछ शक्लें पर जिंदा रह जाती हैं.
जो कल से चल कर आज तक
पहुँचती हैं,
पर शक्सियत का बोझ नहीं उठा पाती
वफ़ा की दौड़ लम्बी होती है
हर कोई नहीं दौड़ पाता....!!
तुम्हारा मुझसे कहना
के तुम्हे आज भी मुझसे मोहब्बत है
तुम्हारे ही
लिए तुमसे दूर हुई थी
कितना सच है कितना फरेब,
चलो मान लिया, मुआफ़ भी किया
लो, उठाओ, ले जाओ इस लाश को
दफनाई हुई मोहब्बत
कब्रों से निकाली नहीं जाती.....!!!
पर तुम्हारी आज की
इस मुलाकात का
क़र्ज़ है मुझपर
बड़ी पुरानी हसरत थी
तुम्हे जी भर के देखने की
तुम्हारी, अब ठहर चुकी, नज़रों को
ज़हन में भरने की......!!!!
बस यही वजह थी इस खेल की
बड़ी पुरानी हसरत थी
और हसरत मरती नहीं
जब तक ज़िंदा रहती है
उलझा के रखती है.......!!!!!
जब तक जिंदा रहती है
उलझा के रखती है,
कल के अँधेरे में
खोया गीत
कल के सन्नाटे में
खोयी ग़ज़ल
दिए जलाने पर,
ढोल पीटने पर,
ख़ामोशी की जंजीरों को
न तोड़ पाते हैं,
न उनसे निकल पाते हैं...!
कुछ शक्लें पर जिंदा रह जाती हैं.
जो कल से चल कर आज तक
पहुँचती हैं,
पर शक्सियत का बोझ नहीं उठा पाती
वफ़ा की दौड़ लम्बी होती है
हर कोई नहीं दौड़ पाता....!!
तुम्हारा मुझसे कहना
के तुम्हे आज भी मुझसे मोहब्बत है
तुम्हारे ही
लिए तुमसे दूर हुई थी
कितना सच है कितना फरेब,
चलो मान लिया, मुआफ़ भी किया
लो, उठाओ, ले जाओ इस लाश को
दफनाई हुई मोहब्बत
कब्रों से निकाली नहीं जाती.....!!!
पर तुम्हारी आज की
इस मुलाकात का
क़र्ज़ है मुझपर
बड़ी पुरानी हसरत थी
तुम्हे जी भर के देखने की
तुम्हारी, अब ठहर चुकी, नज़रों को
ज़हन में भरने की......!!!!
बस यही वजह थी इस खेल की
बड़ी पुरानी हसरत थी
और हसरत मरती नहीं
जब तक ज़िंदा रहती है
उलझा के रखती है.......!!!!!