यूँ भी तिरा एहसान है आने के लिए आ
ऐ दोस्त किसी रोज़ न जाने के लिए आ
जैसे तुम्हे आते हैं ना आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज ना जाने के लिए आ
माना कि मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
ऐ दोस्त किसी रोज़ न जाने के लिए आ
जैसे तुम्हे आते हैं ना आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज ना जाने के लिए आ
माना कि मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ