गलियों गलियों में मुझे ढूंढोगे तो याद आऊंगा
जब भी इस शहर को लौटोगे तो याद आऊंगा।
तुम मेरी आँख के तेवर न भुला पावोगे
अनकही बात को समझोगे तो याद आऊंगा।
हमने खुशियों की तरह दुःख भी इकठे देखे
सफाई जिसको पलटोगे तो याद आऊंगा।
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे
किसी बाजुओं को देखोगे तो याद आऊंगा।
जब भी इस शहर को लौटोगे तो याद आऊंगा।
तुम मेरी आँख के तेवर न भुला पावोगे
अनकही बात को समझोगे तो याद आऊंगा।
हमने खुशियों की तरह दुःख भी इकठे देखे
सफाई जिसको पलटोगे तो याद आऊंगा।
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे
किसी बाजुओं को देखोगे तो याद आऊंगा।