रास्ते याद नहीं राहनुमा याद नहीं
कुछ मुझे अब तेरी गलियों के सिवा याद नहीं,.
एक वादा था जो शीशे की तरह टूट गया
हादसा कब ये हुआ कैसे हुआ याद नहीं,.
याद क्या आयें वो बीते हुये सावन मुझको
मैं वो पंछी हूँ जिसे अपनी सदा याद नहीं,.
दे सके तू मेरे जज़्बात को ताना जिसका
मुझको ऐसी तो कोई अपनी ख़ता याद नहीं,.
दूर रह कर भी तेरी याद को पूजा मैंने
ये न कहना मुझे आदाब-ए-वफ़ा याद नहीं
कुछ मुझे अब तेरी गलियों के सिवा याद नहीं,.
एक वादा था जो शीशे की तरह टूट गया
हादसा कब ये हुआ कैसे हुआ याद नहीं,.
याद क्या आयें वो बीते हुये सावन मुझको
मैं वो पंछी हूँ जिसे अपनी सदा याद नहीं,.
दे सके तू मेरे जज़्बात को ताना जिसका
मुझको ऐसी तो कोई अपनी ख़ता याद नहीं,.
दूर रह कर भी तेरी याद को पूजा मैंने
ये न कहना मुझे आदाब-ए-वफ़ा याद नहीं