उड़के एक रोज़...
कुछ शब्द ही नहीं मिल रहा है लिखने के लिए
Sayad logo ki pash bhi beti ke leye koi sabdh nahi haiकुछ शब्द ही नहीं मिल रहा है लिखने के लिए
Dhonowad bhaiTrue
Exactly!!
बेटियां घर को बनाती हैं
Bahut khub sundar hai bro "lajab"बेटियां घर को बनाती हैं
महकाती हैं,
अपने शोर से चहकाती हैं
आंगन में फूल खिलाती हैं...
और इस दुनिया में बनाने वाला बेघर होता है
शायद इसीलिए बेटियां पराई कहलाती हैं।
(कठोर सत्य, किंतु हृदयविदारक)
Thank yoy broBahut khub sundar hai bro "lajab"
Lajabab Bhai keep it up
Welcome broThank yoy bro
Wah Bohot khub