“दिल का हाल बताना नही आता,
ऐसे किसी को तड़पाना नही आता,
सुनना तो चाहतें हैं हम उनकी आवाज को,
पर हमे कोई बात करने का बहाना नही आता ||
Kya baat ha niceवो मेरे सामने बैठी हैं मगर
उससे कुछ बात ना हो पायी है
मैं इशारा भी अगर करता हूँ
इसमें हम दोनों की रुसवाई है
इसमें हम दोनों की रुसवाई है
वो तो होंठों से कुछ भी कहती नहीं
उसके आँखों में एक कहानी है
उस कहानी में नाम है मेरा
मुझपे कुदरत की मेहरबानी है
Thank you Somaiya Karn jiKya baat ha nice
वो मेरे सामने बैठी हैं मगर
उससे कुछ बात ना हो पायी है
मैं इशारा भी अगर करता हूँ
इसमें हम दोनों की रुसवाई है
इसमें हम दोनों की रुसवाई है
वो तो होंठों से कुछ भी कहती नहीं
उसके आँखों में एक कहानी है
उस कहानी में नाम है मेरा
मुझपे कुदरत की मेहरबानी है