ना चला कोई तीर, ना कोई हथियार
गिर पढ़ाथा वो जब किया था शब्दो से प्रहार
देख बेहाल माँ गिड़गिड़ा रहीथी
पापा बारबारा रहेथे कोई तो रास्ता होगा
निकालो इसे,उसकी कब्जो से यार
ना चला कोई तीर ना कोई हथियार
सारी उम्मीदें बिखरा पड़ा था,आख़री साँसोमे चला था
पूछने लगे उसकी आखरी ख्वाइसे
और निकल रहा था उसकी लब्जो से प्यार
ना चला कोई तीर ना कोई हथियार
गिर पढ़ाथा वो जब किया था शब्दो से प्रहार
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गिर पढ़ाथा वो जब किया था शब्दो से प्रहार
देख बेहाल माँ गिड़गिड़ा रहीथी
पापा बारबारा रहेथे कोई तो रास्ता होगा
निकालो इसे,उसकी कब्जो से यार
ना चला कोई तीर ना कोई हथियार
सारी उम्मीदें बिखरा पड़ा था,आख़री साँसोमे चला था
पूछने लगे उसकी आखरी ख्वाइसे
और निकल रहा था उसकी लब्जो से प्यार
ना चला कोई तीर ना कोई हथियार
गिर पढ़ाथा वो जब किया था शब्दो से प्रहार
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