Phool to phool hain, aankhon se ghire rahte hain..
Kaante bekar me hifazat me lge rahte hain..
Usko fursat nhi milti ki palat ke dekhe
Hum hi deewane hain, deewane Bane rahte hain...
फूल तो फूल हैं, आँखों से घिरे रहते हैं
कांटे बेकार में हिफाज़त में लगे रहते हैं।
उसको फ़ुर्सत नहीं मिलती की पलट के देखे
हम ही दीवाने हैं, दीवाने बने रहते हैं।।
Kaante bekar me hifazat me lge rahte hain..
Usko fursat nhi milti ki palat ke dekhe
Hum hi deewane hain, deewane Bane rahte hain...
फूल तो फूल हैं, आँखों से घिरे रहते हैं
कांटे बेकार में हिफाज़त में लगे रहते हैं।
उसको फ़ुर्सत नहीं मिलती की पलट के देखे
हम ही दीवाने हैं, दीवाने बने रहते हैं।।