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तेरे हाथों का मैं कंगन बन जाऊं

Rockzz ✨श्वेतराग✨

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
Chat Pro User
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काश मैं तेरे हसीन हाथों का कंगन होता
तू बड़े प्यार से चाव से बड़े मान के साथ
अपनी नाजुक सी कलाई में चढ़ाती मुझको
और बेताबी से फुर्सत के खिजां लम्हों में
तू किसी सोच में डूबी जो घुमाती मुझको
मैं तेरे हाथ की खुशबू से महक सा जाता
जब कभी मूड में आकर मुझे चूमा करती
तेरे होठों की मैं हिद्दत से दहक सा जाता
रात को जब भी तू नींदों के सफर पर जाती
मरमरी हाथ का इक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लगकर कई बातें करता
तेरी जुल्फों को तेरी गाल को मैं चूमा करता
जब भी तू बंद-ए-कबा खोलने लगती जानां
अपनी आंखों को तेरे हुस्न से चकाचौंध करता
मुझको बेताब सा रखता तेरी चाहत का नशा
मैं तेरी रूह के गुलशन में महकता रहता
मैं तेरे जिस्म के आंगन में खनकता होता
कुछ नहीं तो यही बे-नाम सा बंधन होता
काश मैं तेरी हाथ का हसीन कंगन होता
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काश मैं तेरे हसीन हाथों का कंगन होता
तू बड़े प्यार से चाव से बड़े मान के साथ
अपनी नाजुक सी कलाई में चढ़ाती मुझको
और बेताबी से फुर्सत के खिजां लम्हों में
तू किसी सोच में डूबी जो घुमाती मुझको
मैं तेरे हाथ की खुशबू से महक सा जाता
जब कभी मूड में आकर मुझे चूमा करती
तेरे होठों की मैं हिद्दत से दहक सा जाता
रात को जब भी तू नींदों के सफर पर जाती
मरमरी हाथ का इक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लगकर कई बातें करता
तेरी जुल्फों को तेरी गाल को मैं चूमा करता
जब भी तू बंद-ए-कबा खोलने लगती जानां
अपनी आंखों को तेरे हुस्न से चकाचौंध करता
मुझको बेताब सा रखता तेरी चाहत का नशा
मैं तेरी रूह के गुलशन में महकता रहता
मैं तेरे जिस्म के आंगन में खनकता होता
कुछ नहीं तो यही बे-नाम सा बंधन होता
काश मैं तेरी हाथ का हसीन कंगन होता
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Atttii mn mohak pream
 
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काश मैं तेरे हसीन हाथों का कंगन होता
तू बड़े प्यार से चाव से बड़े मान के साथ
अपनी नाजुक सी कलाई में चढ़ाती मुझको
और बेताबी से फुर्सत के खिजां लम्हों में
तू किसी सोच में डूबी जो घुमाती मुझको
मैं तेरे हाथ की खुशबू से महक सा जाता
जब कभी मूड में आकर मुझे चूमा करती
तेरे होठों की मैं हिद्दत से दहक सा जाता
रात को जब भी तू नींदों के सफर पर जाती
मरमरी हाथ का इक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लगकर कई बातें करता
तेरी जुल्फों को तेरी गाल को मैं चूमा करता
जब भी तू बंद-ए-कबा खोलने लगती जानां
अपनी आंखों को तेरे हुस्न से चकाचौंध करता
मुझको बेताब सा रखता तेरी चाहत का नशा
मैं तेरी रूह के गुलशन में महकता रहता
मैं तेरे जिस्म के आंगन में खनकता होता
कुछ नहीं तो यही बे-नाम सा बंधन होता
काश मैं तेरी हाथ का हसीन कंगन होता
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Ohooo ek num great...
 
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काश मैं तेरे हसीन हाथों का कंगन होता
तू बड़े प्यार से चाव से बड़े मान के साथ
अपनी नाजुक सी कलाई में चढ़ाती मुझको
और बेताबी से फुर्सत के खिजां लम्हों में
तू किसी सोच में डूबी जो घुमाती मुझको
मैं तेरे हाथ की खुशबू से महक सा जाता
जब कभी मूड में आकर मुझे चूमा करती
तेरे होठों की मैं हिद्दत से दहक सा जाता
रात को जब भी तू नींदों के सफर पर जाती
मरमरी हाथ का इक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लगकर कई बातें करता
तेरी जुल्फों को तेरी गाल को मैं चूमा करता
जब भी तू बंद-ए-कबा खोलने लगती जानां
अपनी आंखों को तेरे हुस्न से चकाचौंध करता
मुझको बेताब सा रखता तेरी चाहत का नशा
मैं तेरी रूह के गुलशन में महकता रहता
मैं तेरे जिस्म के आंगन में खनकता होता
कुछ नहीं तो यही बे-नाम सा बंधन होता
काश मैं तेरी हाथ का हसीन कंगन होता
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Bahut khub ,
(par sari kangan hato se utar k kisi dusbin me fekdete to Kya hota )
Hehehehehehe
 
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काश मैं तेरे हसीन हाथों का कंगन होता
तू बड़े प्यार से चाव से बड़े मान के साथ
अपनी नाजुक सी कलाई में चढ़ाती मुझको
और बेताबी से फुर्सत के खिजां लम्हों में
तू किसी सोच में डूबी जो घुमाती मुझको
मैं तेरे हाथ की खुशबू से महक सा जाता
जब कभी मूड में आकर मुझे चूमा करती
तेरे होठों की मैं हिद्दत से दहक सा जाता
रात को जब भी तू नींदों के सफर पर जाती
मरमरी हाथ का इक तकिया बनाया करती
मैं तेरे कान से लगकर कई बातें करता
तेरी जुल्फों को तेरी गाल को मैं चूमा करता
जब भी तू बंद-ए-कबा खोलने लगती जानां
अपनी आंखों को तेरे हुस्न से चकाचौंध करता
मुझको बेताब सा रखता तेरी चाहत का नशा
मैं तेरी रूह के गुलशन में महकता रहता
मैं तेरे जिस्म के आंगन में खनकता होता
कुछ नहीं तो यही बे-नाम सा बंधन होता
काश मैं तेरी हाथ का हसीन कंगन होता
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Kangan plastic ya kaanch ka nhi
Sone ka,
Phir kude me dal ke dekhna...
Dil bhar na aaye mere (kangan) ke bina to kahna...
Chor bahut hote he,,, chori hogai to phir Kya Hoga
Hehehehe
kangan nai dill ki dhadkan me ban jaao
Labjo se nikle har geet ka sargam me ban jaao
Jo kabhi na tute e gaaib aap
Ek aise risto k Bandhan me ban jaao
( Majak@hehehehehe .com )
 
Chor bahut hote he,,, chori hogai to phir Kya Hoga
Hehehehe
kangan nai dill ki dhadkan me ban jaao
Labjo se nikle har geet ka sargam me ban jaao
Jo kabhi na tute e gaaib aap
Ek aise risto k Bandhan me ban jaao
( Majak@hehehehehe .com )
Wah!
Kangan ki baat kru ya Dil ki
Bda muskil aalam hai...
Jitna chahte hain nhi hum
Aur chor to kangan hi churayega bs
Aapne to Dil hi chura liya ...
 
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