जो बयान हो सके, वह तू नहीं,
जो लिखा जा सके, वह तू नहीं,
जो बोला जा सके, वह तू नहीं,
जो बस देखा जा सके, वही तू है।
अक्षरों में नहीं बसी तेरी सच्चाई,
शब्दों में नहीं समा सकी तेरी परछाई,
जो देखा जा सके, वही है तेरा अस्तित्व,
आँखों से सीधी साक्षी, वही तेरी सच्चाई।
सपनों में भी नहीं छिपी, तेरी असली बात,
जो अनकहा है, वही तेरे भीतर की गहराई,
हर पल, हर सांस में बसी है तेरी मौन रेखा,
जो तुझसे जुड़ी है, वही है तेरी सच्चाई।
शब्दों से परे जो रूप है,
वही तेरी पहचान का गहना है,
वह जो केवल साक्षी से उजागर होता है,
वही तेरी अद्वितीयता का सच्चा दर्शन है।
जो लिखा जा सके, वह तू नहीं,
जो बोला जा सके, वह तू नहीं,
जो बस देखा जा सके, वही तू है।
अक्षरों में नहीं बसी तेरी सच्चाई,
शब्दों में नहीं समा सकी तेरी परछाई,
जो देखा जा सके, वही है तेरा अस्तित्व,
आँखों से सीधी साक्षी, वही तेरी सच्चाई।
सपनों में भी नहीं छिपी, तेरी असली बात,
जो अनकहा है, वही तेरे भीतर की गहराई,
हर पल, हर सांस में बसी है तेरी मौन रेखा,
जो तुझसे जुड़ी है, वही है तेरी सच्चाई।
शब्दों से परे जो रूप है,
वही तेरी पहचान का गहना है,
वह जो केवल साक्षी से उजागर होता है,
वही तेरी अद्वितीयता का सच्चा दर्शन है।