पता है क्या?
तुम्हारा दिल दुखाकर मैं कभी खुश नहीं रहा।
तुम रोयी, मैं बिखर गया।
तुम्हारा हँसना मुझे एहसास कराता है कि सब ठीक हो जायेगा।
तुम मेरी उजाड़ दुनिया में खिली वह फूल हो जिसे मैं सब कुछ गंवाकर भी बचा लाऊंगा।
मेरे पास यदि कुछ भी न होकर भी तुम हो तो मेरे लिए एक बेहतर कल की उम्मीद हमेशा रहेगी। तुम्हारा रूठना मुझसे छीन ले जाता है, मेरा मन, मेरा सुकून।
हँसती रहा करो तुम।
कभी जो मैं दिल दुखा दूँ तो डाँटा करो मुझे। मुझसे झगड़ लिया करो। तुम गुस्से में बहुत खूबसूरत लगती हो। रोते हुए तुम अच्छी नहीं लगती।
सुनो; तुम रोया मत करो।
तुम्हारा दिल दुखाकर मैं कभी खुश नहीं रहा।
तुम रोयी, मैं बिखर गया।
तुम्हारा हँसना मुझे एहसास कराता है कि सब ठीक हो जायेगा।
तुम मेरी उजाड़ दुनिया में खिली वह फूल हो जिसे मैं सब कुछ गंवाकर भी बचा लाऊंगा।
मेरे पास यदि कुछ भी न होकर भी तुम हो तो मेरे लिए एक बेहतर कल की उम्मीद हमेशा रहेगी। तुम्हारा रूठना मुझसे छीन ले जाता है, मेरा मन, मेरा सुकून।
हँसती रहा करो तुम।
कभी जो मैं दिल दुखा दूँ तो डाँटा करो मुझे। मुझसे झगड़ लिया करो। तुम गुस्से में बहुत खूबसूरत लगती हो। रोते हुए तुम अच्छी नहीं लगती।
सुनो; तुम रोया मत करो।