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तुम भूल गए या याद हूँ मैं...!

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तुम भूल गए या याद हूँ मैं,
आज भी तुम्हारे ज़िक्र में हूँ मैं।
या अब सिर्फ़ एक बात हूँ मैं,
खुलेआम मांगते हो मुझे रब से,
या अब भी ज़हन में छुपी फ़रियाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं.

बन के चुप्पी ठहरा हूँ मैं,

या तुम्हारे मन की आवाज़ हूँ मैं।
गुलाब बन के दफ़न हूँ किताबों में,
या आज भी तुम्हारे गजरे में आबाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं...

सुबह का पहला ख़्याल हूँ मैं,
या अब बस रातों का ख़्वाब हूँ मैं।
आज भी सबसे पहला नाम हूँ मैं,
या फिर सबके बाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं....

लबों पे हूँ तुम्हारे...किस्से की तरह,

या छुपा हुआ एक राज़ हूँ मैं।
कैद किया है तुमने मुझे आँखों में,
या तुम्हारी जुल्फों में आज़ाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं....!
 
तुम भूल गए या याद हूँ मैं,
आज भी तुम्हारे ज़िक्र में हूँ मैं।
या अब सिर्फ़ एक बात हूँ मैं,
खुलेआम मांगते हो मुझे रब से,
या अब भी ज़हन में छुपी फ़रियाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं.

बन के चुप्पी ठहरा हूँ मैं,

या तुम्हारे मन की आवाज़ हूँ मैं।
गुलाब बन के दफ़न हूँ किताबों में,
या आज भी तुम्हारे गजरे में आबाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं...

सुबह का पहला ख़्याल हूँ मैं,
या अब बस रातों का ख़्वाब हूँ मैं।
आज भी सबसे पहला नाम हूँ मैं,
या फिर सबके बाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं....

लबों पे हूँ तुम्हारे...किस्से की तरह,

या छुपा हुआ एक राज़ हूँ मैं।
कैद किया है तुमने मुझे आँखों में,
या तुम्हारी जुल्फों में आज़ाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं....!
बहुत खूब
भूल जाउ इतनी कमजोर यादे न थी
तुम थे मै थी पर वो एहसास न थी :Dtm:
 
तुम भूल गए या याद हूँ मैं,
आज भी तुम्हारे ज़िक्र में हूँ मैं।
या अब सिर्फ़ एक बात हूँ मैं,
खुलेआम मांगते हो मुझे रब से,
या अब भी ज़हन में छुपी फ़रियाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं.

बन के चुप्पी ठहरा हूँ मैं,

या तुम्हारे मन की आवाज़ हूँ मैं।
गुलाब बन के दफ़न हूँ किताबों में,
या आज भी तुम्हारे गजरे में आबाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं...

सुबह का पहला ख़्याल हूँ मैं,
या अब बस रातों का ख़्वाब हूँ मैं।
आज भी सबसे पहला नाम हूँ मैं,
या फिर सबके बाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं....

लबों पे हूँ तुम्हारे...किस्से की तरह,

या छुपा हुआ एक राज़ हूँ मैं।
कैद किया है तुमने मुझे आँखों में,
या तुम्हारी जुल्फों में आज़ाद हूँ मैं।

तुम भूल गए या याद हूँ मैं....!
हां भूल गया तुझे,
न भुला भी तो
एक दिन भूल जाऊंगा
और जब ये दिन आएगा
सबको अलविदा कह जाऊंगा।
 
नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया

क्या है तेरा क्या है मेरा अपना पराया भूल गया
अच्छा है....
जाने समय बता देना साथ साथ चला जाएगा
 
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