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तुम खामोश...मैं चुप।

Rockzz ✨श्वेतराग✨

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
Chat Pro User
कुछ कहना था
कुछ तो सुनना था
पर तुम खामोश
मैं चुप।

तन्हाई बोल पड़ी
अश्को से रोज मिली
रही अधूरी फिर भी
तुझमे आकर
तेरी होकर
हो जाती फिर पूरी
पर
तुम खामोश
मैं चुप।

एक किस्सा था
जो अनसुना था
एक वादा जो
टूटा था
एक प्यार जो
आधा था
हो जाता पूरा
पर
तुम खामोश
मैं चुप।

कुछ बाते थी
कुछ कहानियां थी
हम तुम मिलते
तो रचते
इतिहास नया
करते हम कोई
संवाद नया
पर
तुम खामोश

मैं चुप।
 
कुछ कहना था
कुछ तो सुनना था
पर तुम खामोश
मैं चुप।

तन्हाई बोल पड़ी
अश्को से रोज मिली
रही अधूरी फिर भी
तुझमे आकर
तेरी होकर
हो जाती फिर पूरी
पर
तुम खामोश
मैं चुप।

एक किस्सा था
जो अनसुना था
एक वादा जो
टूटा था
एक प्यार जो
आधा था
हो जाता पूरा
पर
तुम खामोश
मैं चुप।

कुछ बाते थी
कुछ कहानियां थी
हम तुम मिलते
तो रचते
इतिहास नया
करते हम कोई
संवाद नया
पर
तुम खामोश

मैं चुप।
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मगर कह कहाँ पाता हूँ,
सच है कि जीना है अब तेरे बग़ैर,

मगर एक पल भी रह नहीं पाता हूँ ।
 
एक कोशिश रोज़ होती है तुझे भुलाने की,
मगर एक पल भी भुला कहाँ पाता हूँ,
देखता तो हूँ ख़्वाब हर रात,

मगर ख़ुद को सुला नहीं पाता हूँ ।
 
लिये फिरता हूँ एक समन्दर इन आँखों में,
मगर रो लूँ जी भर ऐसा कहाँ कर पाता हूँ,
जीना ही मुमकिन कहाँ था तेरे बग़ैर,
मगर मज़बूर हूँ, मर भी नहीं पाता हूँ ।
 
तू अगर देख पाती तो समझ जाती,
कि इस बेबसी को छुपा कहाँ पाता हूँ,
छलक जाता है दर्द कभी अल्फाज़ों से भी,

मगर मैं ख़ामोश भी रह नहीं पाता हूँ ।
 
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
मगर कह कहाँ पाता हूँ,
सच है कि जीना है अब तेरे बग़ैर,

मगर एक पल भी रह नहीं पाता हूँ ।
एक कोशिश रोज़ होती है तुझे भुलाने की,
मगर एक पल भी भुला कहाँ पाता हूँ,
देखता तो हूँ ख़्वाब हर रात,

मगर ख़ुद को सुला नहीं पाता हूँ ।
लिये फिरता हूँ एक समन्दर इन आँखों में,
मगर रो लूँ जी भर ऐसा कहाँ कर पाता हूँ,
जीना ही मुमकिन कहाँ था तेरे बग़ैर,
मगर मज़बूर हूँ, मर भी नहीं पाता हूँ ।
तू अगर देख पाती तो समझ जाती,
कि इस बेबसी को छुपा कहाँ पाता हूँ,
छलक जाता है दर्द कभी अल्फाज़ों से भी,

मगर मैं ख़ामोश भी रह नहीं पाता हूँ ।
क्या बात है
बहुत सुंदर..:clapping:
 
कुछ कहना था
कुछ तो सुनना था
पर तुम खामोश
मैं चुप।

तन्हाई बोल पड़ी
अश्को से रोज मिली
रही अधूरी फिर भी
तुझमे आकर
तेरी होकर
हो जाती फिर पूरी
पर
तुम खामोश
मैं चुप।

एक किस्सा था
जो अनसुना था
एक वादा जो
टूटा था
एक प्यार जो
आधा था
हो जाता पूरा
पर
तुम खामोश
मैं चुप।

कुछ बाते थी
कुछ कहानियां थी
हम तुम मिलते
तो रचते
इतिहास नया
करते हम कोई
संवाद नया
पर
तुम खामोश

मैं चुप।
ये खामोशी का सोर सुन सके तो
न तुम चुप न हम चुप
दिल मे हैँ जो, दिल की बात
कह सको तो न तुम चुप न हम चुप
..........
 
ये खामोशी का सोर सुन सके तो
न तुम चुप न हम चुप
दिल मे हैँ जो, दिल की बात
कह सको तो न तुम चुप न हम चुप
..........
सुनने में देर हो गई
खामोशी के इस शोर को
अब दिल की बात को
दिल तक पहुंचना है
न कभी रखना है हमें चुप

न कभी रहने देंगे तुम्हें चुप।
 
सुनने में देर हो गई
खामोशी के इस शोर को
अब दिल की बात को
दिल तक पहुंचना है
न कभी रखना है हमें चुप

न कभी रहने देंगे तुम्हें चुप।
तो चलो फिर सोर करते हैँ
ये खामोशी को बोर करते हैँ :smirking::Laugh1:
 
तू अगर देख पाती तो समझ जाती,
कि इस बेबसी को छुपा कहाँ पाता हूँ,
छलक जाता है दर्द कभी अल्फाज़ों से भी,

मगर मैं ख़ामोश भी रह नहीं पाता हूँ ।
:clapping::fest::heart1:
 
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