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तुम कर पाओगे क्या??

Yug Purush

Epic Legend
Senior's
Chat Pro User
पुरानी यादें अब धुंधली पड़ने लगी हैं
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....

शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....

माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...

जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...

रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...

जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....

दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....

जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....

रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....

जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या..♥️.
 
इतनी सारी बातें तो पूछ ली
ये ना सोचा कि हम कैसे रह पाएंगे
जब सारी बातें याद हैं तो
सारे गिले शिकवे मिटा कर
एक बार फिर से गले से लगाओगे क्या.. ❤️❤️
 
इतनी सारी बातें तो पूछ ली
ये ना सोचा कि हम कैसे रह पाएंगे
जब सारी बातें याद हैं तो
सारे गिले शिकवे मिटा कर
एक बार फिर से गले से लगाओगे क्या.. ❤️❤️
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी।।
 
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी।।
सपनों में ही सही मेरा अपना तो है वो
गले लगा लूंगा अपनी किस्मत को जाने न दूंगा।
 
पुरानी यादें अब धुंधली पड़ने लगी हैं
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....

शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....

माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...

जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...

रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...

जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....

दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....

जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....

रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....

जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या..♥️.
मैं कोई नगमा गा रहा हूं तुम सुन पाओगे क्या,
मेरे पास बैठ कर तुम भी गुनगुनाओगे क्या।
लिखा है मैने प्रेम का राग,
सबको सुना सकता नहीं, तुम सुनने आओगे क्या।।
मेरा दिल तड़फ रहा है तुम्हारी याद में,
पास आकर सीने से लगाओगे क्या।
साथ बैठ वादियों की शाम में
मेरे साथ गुनगुनाओगे क्या,
मैनें लिखा है प्रेम का राग, तुम सुनने आओगे क्या।।
 
सपनों में ही सही मेरा अपना तो है वो
गले लगा लूंगा अपनी किस्मत को जाने न दूंगा।
किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में
मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं।।
 
मैं कोई नगमा गा रहा हूं तुम सुन पाओगे क्या,
मेरे पास बैठ कर तुम भी गुनगुनाओगे क्या।
लिखा है मैने प्रेम का राग,
सबको सुना सकता नहीं, तुम सुनने आओगे क्या।।
मेरा दिल तड़फ रहा है तुम्हारी याद में,
पास आकर सीने से लगाओगे क्या।
साथ बैठ वादियों की शाम में
मेरे साथ गुनगुनाओगे क्या,
मैनें लिखा है प्रेम का राग, तुम सुनने आओगे क्या।।
देर तक चंद मुख़्तसर बातें
उस से कीं मैं ने आँख भर बातें

तू मेरे पास जब नहीं होता
तुझ से करता हूँ किस क़दर बातें।।
 
पुरानी यादें अब धुंधली पड़ने लगी हैं
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....

शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....

माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...

जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...

रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...

जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....

दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....

जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....

रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....

जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या..♥️.
सपनों में ही सही मेरा अपना तो है वो
गले लगा लूंगा अपनी किस्मत को जाने न दूंगा।
देर तक चंद मुख़्तसर बातें
उस से कीं मैं ने आँख भर बातें

तू मेरे पास जब नहीं होता
तुझ से करता हूँ किस क़दर बातें।।
मैं कोई नगमा गा रहा हूं तुम सुन पाओगे क्या,
मेरे पास बैठ कर तुम भी गुनगुनाओगे क्या।
लिखा है मैने प्रेम का राग,
सबको सुना सकता नहीं, तुम सुनने आओगे क्या।।
मेरा दिल तड़फ रहा है तुम्हारी याद में,
पास आकर सीने से लगाओगे क्या।
साथ बैठ वादियों की शाम में
मेरे साथ गुनगुनाओगे क्या,
मैनें लिखा है प्रेम का राग, तुम सुनने आओगे क्या।।
Bahut behtarin shayar bhare hai Hindustan me to
Bahut sundar or shandar shayri
Mind blowing... amazing fantastic fabulous great
 
पुरानी यादें अब धुंधली पड़ने लगी हैं
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....

शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....

माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...

जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...

रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...

जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....

दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....

जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....

रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....

जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या..♥️.
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा

क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
 
पुरानी यादें अब धुंधली पड़ने लगी हैं
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....

शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....

माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...

जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...

रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...

जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....

दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....

जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....

रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....

जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या..♥️.
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