पुरानी यादें अब धुंधली पड़ने लगी हैं
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....
शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....
माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...
जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...
रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...
जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....
दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....
जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....
रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....
जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या...
मेरे लिए कुछ नयी यादें सजाओगे क्या....
शिकायतें सारी मिट गई, लब मेरे ख़ामोश हैं
तुम आंखें मेरी पढ़ पाओगे क्या....
माना गलतियां बहुत की हैं मैंने
भूला कर मेरी गलतियां गले
से लगाओगे क्या...
जब से तुम गए हो, मैं सुकून से सो नहीं पाई
अपने कांधे पर रख कर सिर एक रात
मुझे सुलाओगे क्या...
रूठी हूं मैं अपने आप से
तुम मुझे मना पाओगे क्या...
जीना बड़ा मुश्किल है बिना तुम्हारे
अपने बिना जीना सीखा पाओगे क्या....
दूर जाने से प्यार कम नहीं होता
मुझे खुद से दूर करके,खुद को मेरे दिल
से दूर कर पाओगे क्या....
जहां भी रहो ख़ुश रहो, बस इतना बता दो
तुम मुझे भूला पाओगे क्या....
रूह को जिस्म से करके अलग सोचते हो
सुकून में होगी
तुम बिन सांसों के जी पाओगे क्या....
जानती हूं हमारा कोई रिश्ता नहीं
अब तुम भी मुझे ये याद दिला कर रुलाओगे क्या...