00Wolfie00
Wellknown Ace
तेरे तसव्वुर की सीढ़ियां जो मै चढ़ने लगा,
हर सुबह तेरी ही आयतें तो मैं पढ़ने लगा।
हर घड़ी हर पहर थी तेरी आरज़ू,
बेवजह ही सही पर तेरी ओर बढ़ने लगा।
रूठना मनाना सिलसिला था ना मेरा,
अब तेरे रूठने पे पत्त्तों सा झड़ने लगा।
अकेला बैठकर भी मैकशि में मदहोश था,
अब तेरे संग ज़िन्दगी को माला सी गढ़ने लगा।
था मै खुद का ही एक हमसफ़र,
अब खुद मैं तेरे सांचे में मढ़ने लगा।
गुरूर था मुझे अपने थोड़े इल्म पर,
तुझसे मिल मै खुद के गुरूर से लड़ने लगा।
तेरे तसव्वुर की सीढ़ियां जो मै चढ़ने लगा,
हर सुबह तेरी ही आयतें तो मैं पढ़ने लगा।
( Tasavvur - imagination
Ayat/ayatein - verse/verses
Maikashi - drinking
Ilm - knowledge
Aarzoo - desire)
हर सुबह तेरी ही आयतें तो मैं पढ़ने लगा।
हर घड़ी हर पहर थी तेरी आरज़ू,
बेवजह ही सही पर तेरी ओर बढ़ने लगा।
रूठना मनाना सिलसिला था ना मेरा,
अब तेरे रूठने पे पत्त्तों सा झड़ने लगा।
अकेला बैठकर भी मैकशि में मदहोश था,
अब तेरे संग ज़िन्दगी को माला सी गढ़ने लगा।
था मै खुद का ही एक हमसफ़र,
अब खुद मैं तेरे सांचे में मढ़ने लगा।
गुरूर था मुझे अपने थोड़े इल्म पर,
तुझसे मिल मै खुद के गुरूर से लड़ने लगा।
तेरे तसव्वुर की सीढ़ियां जो मै चढ़ने लगा,
हर सुबह तेरी ही आयतें तो मैं पढ़ने लगा।
( Tasavvur - imagination
Ayat/ayatein - verse/verses
Maikashi - drinking
Ilm - knowledge
Aarzoo - desire)