भारत में एक अनुमान से क़रीब 40 लाख लड़कियाँ जिस्मफ़रोशी के धंधे में हैं।
हर साल क़रीब 30-35 हज़ार लड़कियाँ (अधिकांश नाबालिग़) इस धंधे में ज़बरन ढकेली जाती हैं।
नेपाल से हर साल हज़ारों ग़रीब लड़कियाँ भारत में वैश्यावृत्ति के लिए स्मगल की जाती हैं।
आख़िर इसकी डिमांड मर्द ही कर रहे हैं न?
इससे भी डिमांड पूरी नहीं होती तो हर साल लाखों ऐसे ही तथाकथित संस्कारी-यौनकुंठित मर्द लाखों की संख्या में बलात्कार, छेड़खानी, एसिड अटैक, सेक्सुअल हरास्स्मेंट की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
और तो और सामने वाले को बदनाम करने और अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए भी माँ-बहन-बेटी के साथ सेक्स वाली गालियाँ बकते हैं।
ऐसे में कोई लड़की अपनी देह अथवा सेक्सुअल फ्रीडम पर कोई बात बेबाकी से रखती है तो तुम अपने घटिया दोगले संस्कार व परम्परा वाली चिरकुटई दिखाने पहुँच जाते हो उसकी पोस्ट पर! बेशर्म कहीं के झाँक नहीं सकते अपने अंदर।
नोट: जो पुरुष सही हैं वो इसे अपने कलेजे पे न लें! मेरा सलाम लें।
हर साल क़रीब 30-35 हज़ार लड़कियाँ (अधिकांश नाबालिग़) इस धंधे में ज़बरन ढकेली जाती हैं।
नेपाल से हर साल हज़ारों ग़रीब लड़कियाँ भारत में वैश्यावृत्ति के लिए स्मगल की जाती हैं।
आख़िर इसकी डिमांड मर्द ही कर रहे हैं न?
इससे भी डिमांड पूरी नहीं होती तो हर साल लाखों ऐसे ही तथाकथित संस्कारी-यौनकुंठित मर्द लाखों की संख्या में बलात्कार, छेड़खानी, एसिड अटैक, सेक्सुअल हरास्स्मेंट की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
और तो और सामने वाले को बदनाम करने और अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए भी माँ-बहन-बेटी के साथ सेक्स वाली गालियाँ बकते हैं।
ऐसे में कोई लड़की अपनी देह अथवा सेक्सुअल फ्रीडम पर कोई बात बेबाकी से रखती है तो तुम अपने घटिया दोगले संस्कार व परम्परा वाली चिरकुटई दिखाने पहुँच जाते हो उसकी पोस्ट पर! बेशर्म कहीं के झाँक नहीं सकते अपने अंदर।
नोट: जो पुरुष सही हैं वो इसे अपने कलेजे पे न लें! मेरा सलाम लें।