उसकी अहमियत है क्या, बताना भी ज़रूरी है
है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है,
अब काम लफ़्फ़ाज़ी से तुम कब तक चलाओगे
उसकी झील सी आंखों में डूब जाना भी ज़रूरी है,
दिल के ज़ज़्बात तुम दिल मे दबा कर मत रखो
उसको देख कर प्यार से मुस्कुराना भी ज़रूरी है,
उसे ये बारहा कहना वो कितना ख़ूबसूरत है
उसे नग्मे मोहब्बत के सुनाना भी ज़रूरी है,
किसी भी हाल में तुम छोड़ना हाथ मत उसका
किया है इश्क़ गर तुमने, निभाना भी ज़रूरी है,
सहर अब रूठना तो इश्क़ में है लाज़मी लेकिन
कभी महबूब गर रूठे तो मनाना भी ज़रूरी है!
है उससे इश्क़ अग़र तो जताना भी ज़रूरी है,
अब काम लफ़्फ़ाज़ी से तुम कब तक चलाओगे
उसकी झील सी आंखों में डूब जाना भी ज़रूरी है,
दिल के ज़ज़्बात तुम दिल मे दबा कर मत रखो
उसको देख कर प्यार से मुस्कुराना भी ज़रूरी है,
उसे ये बारहा कहना वो कितना ख़ूबसूरत है
उसे नग्मे मोहब्बत के सुनाना भी ज़रूरी है,
किसी भी हाल में तुम छोड़ना हाथ मत उसका
किया है इश्क़ गर तुमने, निभाना भी ज़रूरी है,
सहर अब रूठना तो इश्क़ में है लाज़मी लेकिन
कभी महबूब गर रूठे तो मनाना भी ज़रूरी है!