एक राजा के पास लंगड़ा आया,
मंत्री बोला- इसका पैर सही करा देते है।
राजा बोला- इसे हर महीने दो मुद्राये दो।
विकलांग मुद्रा ले के राजा की जय, राजा की जय करता गया।
हर महीने अब वो राजा की जय करता।
राजा ने मंत्री से कहा, अगर पैर का ईलाज कराता तो एक बार ही जय जयकार करता, अब तो हर महीने करता है।
मंत्री बोला- इसका पैर सही करा देते है।
राजा बोला- इसे हर महीने दो मुद्राये दो।
विकलांग मुद्रा ले के राजा की जय, राजा की जय करता गया।
हर महीने अब वो राजा की जय करता।
राजा ने मंत्री से कहा, अगर पैर का ईलाज कराता तो एक बार ही जय जयकार करता, अब तो हर महीने करता है।