Siddhantrt
Epic Legend
छोटे शहर की लड़कियाँ
शादी के बाद
पैरिस या बैंकॉक घूमने जाने के सपने नहीं देखती,
वो देखती है
छोटे से घर का सपना
जहाँ लाल साड़ी जिसकी सुनहरी किनारी हो,
पहन कर वो चले तो पति पीछे उसका आँचल थाम ले,
बाल में कंघी करती रहे तो आइने के सामने आ कर वो कहे बाल खुले रखो..
खुले बाल सुंदर लगते हैं, और डिब्बी में से सिंदूर उठा कर ख़ुद से माथे में लगा दे,
बाहों में पहनी लाल चूड़ियों को बातें करते हुए गिने,
टूट गयीं हैं क्या एक हाथ में कम लग रही हैं,
लाओ नए पहना दूँ,
ऑफ़िस जाते वक़्त दरवाज़े से लौट कर आए कि पर्स भुल गया था और बहाने से माथा चूम ले,
जब वो मायके जाती रही तो उसकी वो लाल साड़ी को छोड़ कर जाने कि जिद्द क़रे
और फिर फ़ोन पर बताए
कि तुम्हारी होने की ख़ुशबू तुम्हारी साड़ी से आती है,
आ जाओ लौट के कि घर,
घर नहीं लगता तुम्हारे बिना
ऑफ़िस से लौट कर दरवाज़ा खोलता हूँ,
तो दरवाज़े तुम्हारे राह तकते मिलते है,
मेरी जान!
शादी के बाद
पैरिस या बैंकॉक घूमने जाने के सपने नहीं देखती,
वो देखती है
छोटे से घर का सपना
जहाँ लाल साड़ी जिसकी सुनहरी किनारी हो,
पहन कर वो चले तो पति पीछे उसका आँचल थाम ले,
बाल में कंघी करती रहे तो आइने के सामने आ कर वो कहे बाल खुले रखो..
खुले बाल सुंदर लगते हैं, और डिब्बी में से सिंदूर उठा कर ख़ुद से माथे में लगा दे,
बाहों में पहनी लाल चूड़ियों को बातें करते हुए गिने,
टूट गयीं हैं क्या एक हाथ में कम लग रही हैं,
लाओ नए पहना दूँ,
ऑफ़िस जाते वक़्त दरवाज़े से लौट कर आए कि पर्स भुल गया था और बहाने से माथा चूम ले,
जब वो मायके जाती रही तो उसकी वो लाल साड़ी को छोड़ कर जाने कि जिद्द क़रे
और फिर फ़ोन पर बताए
कि तुम्हारी होने की ख़ुशबू तुम्हारी साड़ी से आती है,
आ जाओ लौट के कि घर,
घर नहीं लगता तुम्हारे बिना
ऑफ़िस से लौट कर दरवाज़ा खोलता हूँ,
तो दरवाज़े तुम्हारे राह तकते मिलते है,
मेरी जान!