छः बरस पहले की वो बात है,
जब वो पहली बार सामने आई थी।
जैसे बहारों में पहली सुबह,
जैसे बारिश की मिट्टी महक लाई थी।
उसकी आँखों में कुछ ऐसा नशा,
जैसे सितारे धरती पर झुक आए।
उसकी मुस्कान में था जादू,
जैसे रूह को भी सुकून दिलाए।
हम साथ चले, वो मौसम थे खास,
हर लम्हा था जैसे कोई गीत नया।
मैंने देखा था सपनों का जहान,
उसकी पलकों के नीचे छुपा हुआ।
पर दो बरस पहले वो चली गई,
जैसे हवाएँ रुख बदल गईं।
मैं खड़ा रहा, वो दूर हुई,
मेरे दिल में एक खामोशी भर गई।
अब भी सोचता हूँ उस बीते पल को,
उसके बिना ये दुनिया अधूरी सी है।
जाने क्या कमी रह गई थी मुझमें,
जो उसकी हँसी अब दूर की चीज़ है।
मगर प्यार वो अब भी कायम है,
उसके जाने के बाद भी ज़िंदा है।
क्योंकि मोहब्बत सिर्फ़ पाने का नाम नहीं,
ये तो खो कर भी साथ चलने का काम है।
जब वो पहली बार सामने आई थी।
जैसे बहारों में पहली सुबह,
जैसे बारिश की मिट्टी महक लाई थी।
उसकी आँखों में कुछ ऐसा नशा,
जैसे सितारे धरती पर झुक आए।
उसकी मुस्कान में था जादू,
जैसे रूह को भी सुकून दिलाए।
हम साथ चले, वो मौसम थे खास,
हर लम्हा था जैसे कोई गीत नया।
मैंने देखा था सपनों का जहान,
उसकी पलकों के नीचे छुपा हुआ।
पर दो बरस पहले वो चली गई,
जैसे हवाएँ रुख बदल गईं।
मैं खड़ा रहा, वो दूर हुई,
मेरे दिल में एक खामोशी भर गई।
अब भी सोचता हूँ उस बीते पल को,
उसके बिना ये दुनिया अधूरी सी है।
जाने क्या कमी रह गई थी मुझमें,
जो उसकी हँसी अब दूर की चीज़ है।
मगर प्यार वो अब भी कायम है,
उसके जाने के बाद भी ज़िंदा है।
क्योंकि मोहब्बत सिर्फ़ पाने का नाम नहीं,
ये तो खो कर भी साथ चलने का काम है।