तारीख़, महीने वही मगर साल बदल जाए तो हालात बदल जाते हैं
जरा सी चोट दिल पर लगती है तो अल्फ़ाज़ बदल जाते हैं
चाँद-सितारे धरती-आकाश,फूल-तितली उदासियों के
साये में इसे देखने के अदांज बदल जाते हैं
बा वफ़ा हो कर भी ग़लतफहमी से ताल्लुकात बदल जाते हैं
धोखे के बाद भी हम संभलते नहीं क्यूंकि फितरत वही चेहरे बदल जाते हैं......
जरा सी चोट दिल पर लगती है तो अल्फ़ाज़ बदल जाते हैं
चाँद-सितारे धरती-आकाश,फूल-तितली उदासियों के
साये में इसे देखने के अदांज बदल जाते हैं
बा वफ़ा हो कर भी ग़लतफहमी से ताल्लुकात बदल जाते हैं
धोखे के बाद भी हम संभलते नहीं क्यूंकि फितरत वही चेहरे बदल जाते हैं......