कभी तुम चुपके से चुरा लेना
मेरी रात का एक टुकडा
और सो जाना मेरे रात के हिस्से में
तुम्हे पता चलेगा की
चाँद के लाख चमकने के बावजूद भी
मेरी रातें कितनी अँधेरी हैं
चैनो सुकून के सारे साजो सामान के बावजूद भी
कितनी बेचैनी है मेरे रातों में
तुम्हे पता चलेगा की
क्यों मेरी चुप्पी
जलती है मेरी डायरी में
क्यूँ तुम्हारी बाते आते है मेरे शायरी में
क्यूँ मेरी रातों का कोई सवेरा नहीं होता
क्यूँ मेरे ख्वाबों के परिंदों का
कोई बसेरा नहीं होता
क्यूँ मेरे खयालो में तेरा नाम बसता है
क्यूँ हिज्र की आग में मेरा दिल जलता है
कभी तुम चुपके से चुरा लेना
मेरे रात का एक टुकडा
और सो जाना मेरे रात के हिस्से में
तुम्हे पता चलेगा की
तुम्हारे प्रति मेरा पागलपन कितना जायज और लाजिमी है
कितना बेसब्र है मेरे रात का हर एक पल
तुम्हारे बाजुओं में बीतने के लिए।
मेरी रात का एक टुकडा
और सो जाना मेरे रात के हिस्से में
तुम्हे पता चलेगा की
चाँद के लाख चमकने के बावजूद भी
मेरी रातें कितनी अँधेरी हैं
चैनो सुकून के सारे साजो सामान के बावजूद भी
कितनी बेचैनी है मेरे रातों में
तुम्हे पता चलेगा की
क्यों मेरी चुप्पी
जलती है मेरी डायरी में
क्यूँ तुम्हारी बाते आते है मेरे शायरी में
क्यूँ मेरी रातों का कोई सवेरा नहीं होता
क्यूँ मेरे ख्वाबों के परिंदों का
कोई बसेरा नहीं होता
क्यूँ मेरे खयालो में तेरा नाम बसता है
क्यूँ हिज्र की आग में मेरा दिल जलता है
कभी तुम चुपके से चुरा लेना
मेरे रात का एक टुकडा
और सो जाना मेरे रात के हिस्से में
तुम्हे पता चलेगा की
तुम्हारे प्रति मेरा पागलपन कितना जायज और लाजिमी है
कितना बेसब्र है मेरे रात का हर एक पल
तुम्हारे बाजुओं में बीतने के लिए।