एक बार लोहा और सोना आपस में बात कर रहे थे ,
लोहे ने सोने से सवाल किया की यार तू तो सोना है,में लोहा हूं,
आपस में बातचीत शुरू हो गई,
तो सोना लोहे से कहने लगा,
की यार लोहार तुझे बनाने के पहले ठोकता पीटता है,
सोनार मुझे बनाने से पहले ठोकता पीटता है,
लेकिन यार जब लोहार तुझे ठोकता पीटता है तो तू आवाज बहुत करता है,
में तो चुप रहता हु,
ऐसा क्यों??
लोहे ने जो जवाब दिया ....
तु ठीक कहता है सोने
सोनार पीटता है तुझे लोहे की हथौड़ी से जो तेरी कुछ नही लगती ,
में लोहा हूं , मुझे जिससे पीठा जाता है वोह लोहा है,
जब अपना अपने को पीटता है तो चीख तो निकलती ही है।
लोहे ने सोने से सवाल किया की यार तू तो सोना है,में लोहा हूं,
आपस में बातचीत शुरू हो गई,
तो सोना लोहे से कहने लगा,
की यार लोहार तुझे बनाने के पहले ठोकता पीटता है,
सोनार मुझे बनाने से पहले ठोकता पीटता है,
लेकिन यार जब लोहार तुझे ठोकता पीटता है तो तू आवाज बहुत करता है,
में तो चुप रहता हु,
ऐसा क्यों??
लोहे ने जो जवाब दिया ....
तु ठीक कहता है सोने
सोनार पीटता है तुझे लोहे की हथौड़ी से जो तेरी कुछ नही लगती ,
में लोहा हूं , मुझे जिससे पीठा जाता है वोह लोहा है,
जब अपना अपने को पीटता है तो चीख तो निकलती ही है।