"गोलियों से बच जाने के बावजूद भी जंग इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती"
"Invisible Dad, Result of War" नाम का यह फैमिली पोर्ट्रेट WW I के बाद का है। यह 1926 में कहीं छपा था। बाद में इसे एक फ़ोटोग्राफर इवाल्डस इवानॉस्कस ने डिजिटल मोंताज के रूप में पब्लिश किया।
हैंगर से झूलते किसी शहीद के लॉन्ग ओवरकोट की सूनी आस्तीन में अपनी बाहें डाले उसकी पत्नी या प्रेमिका और आर्मी कैप पहने उस महिला के बगल में खड़ा उनका बच्चा। उन दोनों के चेहरे के भाव ! यह चित्र भी आने वाली पीढ़ियों को केवल यह बताने की एक आसान सी कोशिश है कि, "गोलियों से बच जाने के बावजूद भी जंग इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती।"
"Invisible Dad, Result of War" नाम का यह फैमिली पोर्ट्रेट WW I के बाद का है। यह 1926 में कहीं छपा था। बाद में इसे एक फ़ोटोग्राफर इवाल्डस इवानॉस्कस ने डिजिटल मोंताज के रूप में पब्लिश किया।
हैंगर से झूलते किसी शहीद के लॉन्ग ओवरकोट की सूनी आस्तीन में अपनी बाहें डाले उसकी पत्नी या प्रेमिका और आर्मी कैप पहने उस महिला के बगल में खड़ा उनका बच्चा। उन दोनों के चेहरे के भाव ! यह चित्र भी आने वाली पीढ़ियों को केवल यह बताने की एक आसान सी कोशिश है कि, "गोलियों से बच जाने के बावजूद भी जंग इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती।"