खुशी भी गुजर गई , मलाल भी गुजर गया ,
गुजरते गुजरते यह साल भी गुजर गया !
उसके लौट आने की धुंधली मगर उम्मीद तो थी,
गुजरते साल संग वोह खयाल भी गुजर गया ,
चैन की नींद तो है रातों को ,
मगर आंखों से ख्वाब गुजर गया !
दिन का सूरज तो चमकता है जीवन में ,
मगर रातों का मेहताब गुजर गया !
बहुत कुछ कहना था तुझसे, बहुत कुछ सुनना था तुझसे,
तेरे कहे शब्दो में अपना सा मतलब चुनना था ,
पर वह जिज्ञासा भी गुजर गई , पूछने का काल भी गुजर गया ,
गुजरते गुजरते यह साल भी गुजर गया,
में इश्क़ का सवाल लिए खड़ा रहा मगर.....
में इश्क़ का सवाल लिए खड़ा रहा मगर.....
तेरे जवाबों के अभाव में वो सवाल भी गुजर गया।
गुजरते गुजरते यह साल भी गुजर गया !
उसके लौट आने की धुंधली मगर उम्मीद तो थी,
गुजरते साल संग वोह खयाल भी गुजर गया ,
चैन की नींद तो है रातों को ,
मगर आंखों से ख्वाब गुजर गया !
दिन का सूरज तो चमकता है जीवन में ,
मगर रातों का मेहताब गुजर गया !
बहुत कुछ कहना था तुझसे, बहुत कुछ सुनना था तुझसे,
तेरे कहे शब्दो में अपना सा मतलब चुनना था ,
पर वह जिज्ञासा भी गुजर गई , पूछने का काल भी गुजर गया ,
गुजरते गुजरते यह साल भी गुजर गया,
में इश्क़ का सवाल लिए खड़ा रहा मगर.....
में इश्क़ का सवाल लिए खड़ा रहा मगर.....
तेरे जवाबों के अभाव में वो सवाल भी गुजर गया।